नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री किरण रिजीजू ने आज कहा कि किसी के पास भी राष्ट्रवाद को परिभाषित करने का पूर्ण अधिकार नहीं है लेकिन जो भी भारत को तोड़ना चाहता है और आतंकियों का समर्थन करता है, उसे राष्ट्रविरोधी कहा जा सकता है। उन्होंने साथ ही कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कुछ छात्र भारत को तोड़ने की कल्पना करते हैं।
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मंत्री ने ट्विटर पर लिखा, किसी को भी राष्ट्रवाद को परिभाषित करने का पूर्ण अधिकार नहीं है लेकिन जो भी भारत को तोड़ना चाहते हैं, अफजल गुरू एवं आतंकियों का समर्थन करते हैं, वे राष्ट्रविरोधी हैं।
उनकी टिप्पणी दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस में वाम मोर्चे से सम्बद्ध आइसा एवं आरएसएस समर्थित एबीवीपी के बीच हुए संघर्षर् को लेकर जारी विवाद के बीच आयी है। गुरू को 2001 के संसद हमले के मामले में दोषी पाए जाने के बाद फांसी दे दी गयी थी।
अरूणाचल प्रदेश से संबंध रखने वाले रिजीजू ने कहा कि उनका जन्म एक ऐसे सीमांत गांव में हुआ जिसपर चीन ने कुछ दिनों (1962 में) के लिए कब्जा कर लिया था। उन्होंने कहा, मैं भारत की रक्षा करने की प्रतिज्ञा लेकर बड़ा हुआ, जैसा हर अरूणाचली कर रहा है। अगर भारत एक मजबूत देश के तौर पर एकजुट नहीं रहे तो आजादी का क्या मतलब है।
गुरूवार को रिजीजू ने कहा था कि देश में अभिव्यक्ति की आजादी कॉलेज परिसरों को राष्ट्रविरोधी गतिविधि का गढ़ बनने का अधिकार नहीं देती और अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर भारत विरोधी नारों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बता दें कि रिजीजू डीयू के पूर्व छात्र हैं।