Thursday, April 25, 2024
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'कुशल शासन से न्यायपालिका पर कम हो सकता है बोझ'

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि कुशल शासन से न्यायपालिका पर बोझ कम हो सकता है और उनकी सरकार व्यवस्था को स्वच्छ बनाने की प्रक्रिया में है। उन्होंने न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी द्वारा

Bhasha Bhasha
Published on: February 23, 2017 10:53 IST
Narendra Modi- India TV Hindi
Narendra Modi

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि कुशल शासन से न्यायपालिका पर बोझ कम हो सकता है और उनकी सरकार व्यवस्था को स्वच्छ बनाने की प्रक्रिया में है। उन्होंने न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी द्वारा लिखी किताब का विमोचन करते हुए कहा कि भारत को बदलाव की रफ्तार तेज करनी होगी।

मोदी ने कहा, ‘हमने 1,200 कानून रद्द किए हैं। बहुत सारे कानून हैं। हम व्यवस्था को स्वच्छ बनाने की प्रक्रिया में हैं, ताकि न्यायपालिका पर बोझ कम हो सके।’ उन्होंने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर सहित अन्य की मौजूदगी में कहा, ‘कुशल शासन से काफी हद तक न्यायपालिका पर बोझ कम हो सकता है। और जब मैं कुशल शासन की बात करता हूं तो मैं कानून का मसौदा तैयार करने और कार्यान्वयन प्राधिकरण के बीच के संबंध को देखता हूं।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समय देश के विभिन्न पहलुओं में काफी लचीलापन है।

उन्होंने कहा, ‘हमें दीर्घकालिक दृष्टि के साथ चीजों का निर्माण करना होगा लेकिन देश की मौजूदा स्थिति ऐसी है कि किसी एक चीज के कई मायने हैं और उसे आगे बढ़ाने वाले कई कारक हैं।’  मोदी ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था जैसे वैश्विक कारक मौजूद हैं और इन सभी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए भारत को एक भूमिका निभानी होगी तथा यह समय की जरूरत है।

उन्होंने कहा, ‘मौजूदा विश्व व्यवस्था में इस तरह के स्वर्णिम अवसर कम ही रहे हैं जहां भारत अपनी खुद की एक जगह बना सकता है।’ प्रधानमंत्री ने न्यायमूर्ति खेहर की उनके ‘त्वरित फैसलों’ के लिए सराहना करते हुए कहा कि उन्हें यह देखकर अच्छा लग रहा है। मोदी ने कहा कि भारत के लोग ज्यादा पारंपरिक हैं लेकिन ऐसा समय आता है जब बदलाव तेजी से होते हैं।

उन्होंने कहा, ‘मानव जाति के विकास की तरह काफी बदलाव होते हैं खासकर तकनीकी क्रांति जन्म लेती है। प्रौद्योगिकी ने मानव जाति को आगे बढ़ाया है।’ मोदी ने कहा कि प्रौद्योगिकी बड़े बदलाव ला रही है और इसे ध्यान में रखते हुए देश के विधि विश्वविद्यालयों को इस तरह की प्रतिभाओं का विकास करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत को बदलती विश्व व्यवस्था के अनुरूप खुद को ढालना होगा। हमें अपनी नीति एवं कानूनों को लेकर साधन संपन्न बनना होगा।’

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