नई दिल्ली: दाऊद इब्राहिम, लश्कर ए तोईबा और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकवादी संगठनों को नकली नोट सप्लाई करने वाले और हवाला के जरिए पैसा पहुचाने वाले शख्स ने पाकिस्तान में सुसाइड कर लिया है। इस शख्स का नाम जावेद खनानी है। भारत सरकार के नोटबंदी के फैसले से जावेद खनानी का धंधा चौपट हो गया और कराची में अपनी एक अंडर कन्स्ट्रक्शन बिल्डिंग से छलांग लगाकर उसने सुसाइड कर लिया।
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नकली नोट के सिंडिकेट का सबसे बड़ा मोहरा
जावेद खनानी पाकिस्तान में नकली नोट के सिंडिकेट का सबसे बड़ा मोहरा था। वो बड़ा हवाला रैकेट चलाता था।वैसे जावेद खनानी सरकारी तौर पर मनी एक्सचेंजर का काम करता था। उसकी कंपनी पाकिस्तान की सबसे बड़ी मनी एक्सचेंजर कंपनी है। इसकी आड़ में वो बड़े पैमाने पर हवाला और नकली नोटों का कारोबार करता था। भारत में पांच सौ एक हजार के पुराने नोटों पर पांबदी के फैसले से जावेद खनानी को इतना सदमा पहुंचा कि वो बिल्डिंग से कूद गया। खनानी कराची में बन रही मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में पार्टनर था। जावेद खनानी...कराची में Khanani & Kalia International नाम के मनी एक्सचेंजर का डायरेक्टर का था। लेकिन उसका असली धंधा भारत में फेक करेंसी की सप्लाई करना था।
नोटबंदी से परेशान था खनानी
सूत्रों के मुताबिक.जब से इंडिया में नोट बैन का ऐलान हुआ खनानी काफी परेशान था। उसे बिजनेस में काफी नुकसान हुआ। जिस वक्त उसने सुसाइड किया उसके पास 20 हजार करोड़ की नकली करेंसी मौजूद थी जो रद्दी बन चुकी थी। यह भी पता चला कि जावेद खनानी पिछले कुछ सालों में 40 हजार करोड़ की नकली करेंसी दाऊद के नेटवर्क के जरिए इंडियन मार्केट में खपा चुका था। ऐसी भी जानकारी है कि 8 नवम्बर को ISI के पास लगभग 500 और 1000 के नकली नोट छापने के लिए बड़ी तादाद में कच्चा माल मौजूद था लेकिन ये कचरे का ढेर बन गया।
खनानी के खिलाफ अमेरिका की रिपोर्ट
आपको बता दें कि अमेरिका में भी जावेद खनानी और उसके भाई के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर बड़ा सबूत मिला था। अमेरिका के ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने पूरी रिपोर्ट तैयार की। इस रिपोर्ट में साफ कहा गया कि जावेद खनानी और इसका भाई दाऊद इब्राहिम, लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद के लिए काम करता है। जावेद खनानी के भाई अल्ताफ खनानी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था। इसलिए अमेरिकी कोर्ट ने उसे 22 साल की सजा सुनाई है।
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