Friday, April 26, 2024
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राजनाथ ने नौकरशाहों से कहा 'जी हुजूरी' बंद करें

लोकसेवा अधिकारियों को देश के लिए 'इस्पात का ढांचा' करार देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को अधिकारियों को किसी राजनीतिक प्रतिनिधि का 'गलत आदेश' न मानने या 'जी हुजूरी' न करने और देशहित में फैसले लेने के लिए कहा।

IANS IANS
Published on: April 20, 2017 22:34 IST
Rajnath- India TV Hindi
Image Source : PTI Rajnath

नई दिल्ली: लोकसेवा अधिकारियों को देश के लिए 'इस्पात का ढांचा' करार देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को अधिकारियों को किसी राजनीतिक प्रतिनिधि का 'गलत आदेश' न मानने या 'जी हुजूरी' न करने और देशहित में फैसले लेने के लिए कहा। 

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11वें लोक सेवा दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह के उद्घाटन सत्र के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा, "लोक सेवकों के पास शक्तियां हैं। उन्हें फैसले देश हित और जन हित को ध्यान में रखकर लेने चाहिए। अगर कोई राजनीतिक प्रतिनिधि गलत आदेश दे रहा है तो उन्हें कानून का रास्ता दिखाने में डरें नहीं। उन्हें बताएं कि वे कानूनी रूप से गलत हैं और फाइल पर हस्ताक्षर न करें।"

राजनाथ सिंह ने लोक सेवा अधिकारियों को 'जी हुजूरी' करने वाला अधिकारी न बनने की सलाह दी और कहा कि वे अपने अंत:करण से न भटकें। उन्होंने कहा, "हां में हां न मिलाइए। अपने अंतरात्मा के साथ विश्वासघात मत करिए।" 

उन्होंने फैसले लेने से बचने वाले अधिकारियों को हल्के अंदाज में घुड़की भी दी और कहा कि इस तरह की हिचकिचाहट से देशहित को नुकसान पहुंच सकता है। राजनाथ ने कहा, "जरूरत पड़े तो अपने वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करें और उनसे राय मशविरा करें, लेकिन फैसला लेने में किसी तरह की हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए।"

साथ ही राजनाथ सिंह ने लोक सेवा अधिकारियों को सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा 21 अप्रैल, 1928 में दिए मार्गदर्शक सिद्धांतों का पालन करने के लिए कहा। राजनाथ सिंह ने कहा, "सरदार पटेल ने कहा था कि अगर लोक सेवकों को भारत का इस्पात का ढांचा कहा जाए तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। सरदार पटेल ने 1948 में लोक सेवकों के लिए दिया गया मार्गदर्शक सिद्धांत आज के दौर में भी उतना ही महत्वपूर्ण है। आजादी के 70 वर्षो के बाद भी हमारे देश का यह इस्पात का ढांचा कमजोर नहीं हुआ है।"

उन्होंने कहा, "हमें हमेशा अपनी जिम्मेदारियों को याद रखना चाहिए और जवाबदेही सुनिश्चित करनी चाहिए। इसके साथ-साथ लोक सेवाओं के लिए निष्पक्षता भी बेहद अहम चीज है। निष्पक्षता की कमी आपकी फैसला लेने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है।"

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