नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने निचली अदालत से उत्तर प्रदेश के विधायक मुख्तार अंसारी को मिले हिरासत में पैरोल पर शुक्रवार को 3 दिन के लिए रोक लगा दी। निचली अदालत ने विधानसभा चुनाव लड़ रहे अंसारी को प्रचार के लिए पैरोल दी थी। जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने हिरासत में पैरोल पर 20 फरवरी तक के लिए रोक लगा दी।
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चुनाव आयोग उन्हें मिले पैरोल को रद्द करने की मांग करते हुए हाई कोर्ट पहुंचा था। आयोग का कहना है कि बीजेपी विधायक कृष्णानंद हत्याकांड में सुनवाई का सामना कर रहे अंसारी पैरोल मिलने पर गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। आयोग के वकील दयान कृष्णन ने कहा कि आरोपी समाज के लिए गंभीर खतरा है, अतएव उसे पैरोल देने के निचली अदालत के कल के फैसले पर तत्काल रोक लगाई जाए। चुनाव आयोग की दलील का वरिष्ठ वकील एस.एस. गांधी ने यह कहते हुए विरोध किया कि विधायक को पहले भी ऐसी राहत दी जा चुकी है।
अंसारी की रिहाई पर रोक लगाते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि वह 20 फरवरी को इस मामले पर सुनवाई करेगा, तब आरोपी आयोग की याचिका पर जवाब दाखिल करें। हाल ही बसपा में शामिल हुए अंसारी उत्तर प्रदेश की मऊ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उन्हें 4 मार्च तक के लिए हिरासत में पैरोल मिली थी ताकि वह चुनाव में प्रचार कर पाएं।