Friday, April 26, 2024
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शादी के लिए ढाई लाख रुपये से ज्यादा की धन निकासी पर रोक के खिलाफ याचिका खारिज

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें शादी के लिए सिर्फ ढाई लाख रूपये तक निकालने की सीमा में ढील देने का आग्रह किया गया था। मुख्य न्यायाधीश

Bhasha Bhasha
Updated on: November 30, 2016 16:12 IST
note- India TV Hindi
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नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें शादी के लिए सिर्फ ढाई लाख रूपये तक निकालने की सीमा में ढील देने का आग्रह किया गया था। मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल ने कहा, रिट याचिका खारिज की जाती है।

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याचिका में नकदी सीमा में ढील देने के साथ ही इन ब्योरों को भी पेश करने के मार्गनिर्देश को मनमाना करार दिया गया था जिसमें उन लोगों की विस्तृत सूची मांगी गई है जिन्हें शादी के लिए निकाली गई रकम विभिन्न मद में दी जानी है और साथ ही इन मद में रकम पाने वाले से एक घोषणा भी देने के लिए कहा गया है कि उनके पास बैंक खाता नहीं है।

उच्च न्यायालय ने 28 नवंबर को इसपर अपना फैसला यह कहते हुए सुरक्षित कर लिया था कि नोटबंदी के मुद्दे पर जहां भी जरूरत महसूस हुई सरकार ने ढिलाई बरती है। इससे पहले, केन्द्र सरकार की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने यह कहते हुए याचिका का विरोध किया था कि सरकार ने पहले ही कुछ छूट दे दी है लेकिन कुछ शर्तें जरूरी हैं ताकि कोई उसका दुरूपयोग नहीं करे।

अपनी याचिका में याचिकाकर्ता बिरेंदर सांगवान ने कहा था कि शादियों के लिए ढाई लाख रूपये की निकासी की अधिकतम सीमा में ढिलाई दी जाए क्योंकि शादी के समारोह में विभिन्न प्रकार के पारंपरिक शगुन दिए जाते हैं।

याचिका में कहा गया था, शादियों के लिए छूट दी जानी चाहिए ताकि कोई परंपरा के अनुरूप शगुन दे सके। कैसे कोई इस तरह का हलफनामा दे सकता है? दिशानिर्देश के अनुसार, शादी कराने वाले पंडित को भी हलफनामा देना पड़ेगा कि उसके पास कोई बैंक खाता नहीं है। वर और वधु के मां-बाप को इस तरह की मनमानी शर्तों के बिना अपने खाते से धन निकालने की इजाजत मिलनी चाहिए।

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