नई दिल्ली: दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने सोमवार को दिल्ली पुलिस के आयुक्त अमूल्य पटनायक को पत्र लिखकर कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैन्य अधिकारी की बेटी को धमकी देने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करने और उन्हें गिरफ्तार करने की अपील की।
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इससे पहले गुरमेहर ने मालीवाल से मुलाकात कर उन्हें ऑनलाइन मिलने वाली धमकियों की शिकायत की थी। उन्हें ये धमकियां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के खिलाफ खड़े होने के बाद से ही मिल रही हैं।
मालीवाल ने यहां संवाददाताओं से कहा, "शिकायत पर संज्ञान लेते हुए मैंने दिल्ली पुलिस आयुक्त को पत्र लिखा और उनसे दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने तथा उन्हें गिरफ्तार करने का अनुरोध किया।"
उन्होंने कहा, "यह शर्मनाक है कि एक शहीद की बेटी पर इस तरह हमला हो रहा है और उसे दुष्कर्म तथा जान से मारने की धमकी दी जा रही है। यदि अब भी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है तो व्यवस्था से लोगों का भरोसा उठ जाएगा।"
गुरमेहर ने दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में 22 फरवरी को हुई हिंसा के बाद एबीवीपी के खिलाफ ऑनलाइन अभियान शुरू किया था। उन्होंने 'स्टूडेंट्सअगेन्स्ट एबीवीपी' हैशटैग के साथ फेसबुक पर पोस्टर थामे अपनी एक तस्वीर पोस्ट की थी, जिस पर लिखा था, 'मैं दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा हूं। मैं एबीवीपी से नहीं डरती। मैं अकेली नहीं हूं। भारत का हर विद्यार्थी मेरे साथ है।'
इसके बाद से ही उन्हें 'राष्ट्र विरोधी' करार देते हुए सोशल मीडिया पर दुष्कर्म व जान से मरने की धमकी दी गई। गुरमेहर ने सोमवार को संवादाताओं से बातचीत में कहा कि उन्हें कोई डर नहीं है, क्योंकि वह 'सही बात' के लिए लड़ रही हैं। उन्होंने कहा, "सिर्फ इसलिए कि आप एक छात्र संघ हैं, जो सत्ता में है, का अर्थ यह नहीं है कि आप मुझे धमका सकते हैं। मैं आपसे नहीं डरूंगी।"
उन्होंने कहा, "छात्रसंघ का काम विद्यार्थियों के कल्याण के लिए काम करना है, उन पर शासन करना या उन्हें डराना नहीं है।" उन्होंने कहा, "मुझे सैकड़ों धमकियां मिल रही हैं। अगर मैं उन सभी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराना शुरू कर दूं तो पुलिस भी मुझसे कहेगी कि अब बस करो।"
गुरमेहर को हालांकि एबीवीपी और विश्वविद्यालय परिसर में हिंसा के खिलाफ उनके रुख के लिए कई लोगों से समर्थन भी मिला है, जिनमें युवा से लेकर बुजुर्ग भी शामिल हैं।