नई दिल्ली: भारत के अपने उत्तरी सीमा पर सुरक्षा को मजबूत करने की प्रक्रिया के बीच, सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग चीन के चार दिवसीय दौरे के लिए आज रवाना हो गए जहां वह प्रगाढ़ सहयोग के लिए शीर्ष नेतृत्व से मिलेंगे। उनके साथ उच्च स्तरीय सैन्य प्रतिनिधिमंडल भी है।
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उनके 21-24 नवंबर के दौरे के दौरान प्रतिनिधिमंडल महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठानों का दौरा करेगा और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (सीएमसी) के आला अधिकारियों से मुलाकात भी प्रस्तावित है।
सेना के एक बयान में कहा गया, यह दौरा रक्षा सहयोग के क्षेत्र में पीएलओ को फिर से जोड़ने और दोनों देशों के बीच मौजूदा आपसी सहयोग और विश्वास को मजबूत करने का अवसर है। इसमें कहा गया कि प्रतिनिधिमंडल इनफैंट्री डिवीजन और आर्मी एयर डिफेंस ब्रिगेड सहित सैन्य प्रतिष्ठानों का दौरा करेगा।
सेना ने कहा है कि दौरे का मकसद चीन को आतंकवाद, मानवीय सहायता और शांति रक्षा प्रशिक्षण सहित आपसी चिंता और साझा हितों के विषयों पर साथ लाना है। वास्तविक नियंत्रण रेखा से जुड़ा मुद्दा बरकरार है लेकिन उत्तरी सीमा शांत है।
बहरहाल, भारत माउंटेन ब्रिगेड के गठन, आधुनिक तोपखाने और टैंकों की तैनाती तथा वृहद हवाईपट्टी आधारभूत संरचना निर्माण के जरिये चीन के साथ लगी अपनी सीमा को मजबूत करने की प्रक्रिया में है।