नई दिल्ली: मालेगांव बम धमाके की मुख्य आरोपियों में से एक साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की जमानत पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी की विशेष अदालत मंगलवार को फैसला सुना सकती है। पिछले सप्ताह अदालत ने साध्वी की जमानत अर्जी की सुनवाई को 28 जून के लिए स्थगित कर दिया गया था। गौरतलब है कि साध्वी पिछले 8 साल से मालेगांव बम धमाके के आरोप में जेल में है। NIA ने अपनी चार्जशीट में साध्वी सहित 6 आरोपियों को क्लीन चिट दी है।
क्या था मालेगांव बम धमाका
यह तीन धमाके साल 2006 में हुआ था जिसमें 6 लोग मारे गए थे और 100 लोग घायल हुए थे। पहले इन धमाकों के आरोपियों के तार सिमी से जुड़े होने का दावा किया गया था। मालेगांव बम धमाकों में नूरूल हुदा समसुदोहा, शब्बीर अहमद मसीउल्लाह, रईस अहमद रजाब अली मंसूरी, सलमान फारसी अब्दुल लतीफ ऐमी, फरोग इकबाल अहमद मगदूमी, मोहम्मद अली आलाम शेख, आसिफ खान बशीर खान उर्फ जुनैद, मोहम्मद जाहिद अब्दुल माजिद अंसारी और अबरार अहमद गुलाम अहमद के नाम शामिल थे। जांच एजेंसी ने पाया कि बम धमाके में जिस मोटर साइकिल का इस्तेमाल किया गया था वो साध्वी के नाम पर थी।
साध्वी के गिरफ्तार होने के बाद 13 लोगों को गिरफ्तार किया था। एटीएस ने मामले में एक आरोपी राकेश धावड़े पर परभणी और जालना बम धमाकों में चार्जशीट दिखाकर मकोका लगाया था। NIA का कहना है कि राकेश धावड़े को 2008 में गिरफ्तार किया गया फिर मकोका लगाने के इरादे से उसे परभणी और जालना बम धमाकों में आरोपी बनाकर चार्जशीट दायर की गई। NIA का मानना है कि मामले पर मकोका नहीं बनता और मकोका हटता है तो साध्वी के खिलाफ मुकदमा चलाने लायक पर्याप्त सबूत नहीं है।