भोपाल: मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में बस गये चीन के सैनिक वांग पांच दशक बाद अपने पैतृक देश जाने वाले हैं। जेल से छूटने के बाद वांग ने एक भारतीय महिला से शादी करके यहां अपना परिवार बसा लिया था। 77 साल के वांग को 1962 के चीन-भारत युद्ध के बाद भारतीय क्षेत्र में घुसते हुए पकड़ा गया था। बाद में उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया।
बालाघाट के कलेक्टर भरत यादव ने बताया, वांग अपनी पत्नी सुशीला और बेटे विष्णु तथा दो अन्य परिजन के साथ चीन जाएंगे। उन्होंने बताया कि वांग और उनके चार परिजनों को वीजा मिल गया और वे आज चीन रवाना हो सकते हैं। विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय से उन्हें मिली मदद से यह संभव हुआ है। बीजिंग में आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि वांग और उनके परिवार के सदस्य कल वहां पहुंच सकते हैं। उसके बाद वह वांग के रिश्तेदारों से मिलने के लिए शांक्सी प्रांत में अपने पैतृक स्थल जाएंगे।
इस घटनाक्रम से एक सप्ताह पहले चीन के दूतावास से एक प्रतिनिधिमंडल ने वांग से मुलाकात की थी। वांग के पुत्र विष्णु ने बताया कि भारत स्थित चीन के दूतावास के तीन अधिकारियों ने उनके पिता से एक घंटे से अधिक समय तक बात की थी। उन्होंने उन्हें चीन यात्रा में सभी संभव मदद का भरोसा दिया था। वांग अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ बालाघाट जिले के तिरोडी क्षेत्र में रहते हैं।