Wednesday, April 24, 2024
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1962 में भारत के खिलाफ लड़ा था युद्ध, अब जाना चाहता है चीन

भारत में 53 साल से रह रहे 77 साल के एक चीनी युद्धबंदी को उम्मीद है कि उन्हें अपने देश जा कर अपने भाइयों और बहनों से मिलने की इज़ाज़त मिलेगी। राज बहादुर नाम से जाने जाने वाले वांग ची को भारत-चीन युद्ध के दौरान भारतीय रेड क्रॉस ने पकड़ा था

India TV News Desk India TV News Desk
Published on: October 25, 2016 11:12 IST
Chinese PoW- India TV Hindi
Chinese PoW

नई दिल्ली: भारत में 53 साल से रह रहे 77 साल के एक चीनी युद्धबंदी को उम्मीद है कि उन्हें अपने देश जा कर अपने भाइयों और बहनों से मिलने की इज़ाज़त मिलेगी। राज बहादुर नाम से जाने जाने वाले वांग ची को भारत-चीन युद्ध के दौरान भारतीय रेड क्रॉस ने पकड़ा था और भारतीय सेना के हवाले कर दिया था। वो कई साल से भारत की जेल में रहे और फिर मध्यप्रदेश के बालाघाट में उनका पुनर्वास किया गया।

वांग ची ने बताया कि वह 2014 से भारत और चीन सरकार से अपने देश वापस जाकर भाई-बहनों से मिलने की अनुमति मांग रहे हैं, लेकिन अब तक दोनों देशों की सरकारों ने उसकी मांग पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई है। वांग ची के तीन भाई और दो बहनें हैं, जो चीन में ही रहते हैं।

उन्हें अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से उम्मीदें हैं। वह कहते हैं, मैनें दोनों के बारे में बहुत सुना है और मैं उनसे अनुरोध करता हूं कि मुझे अपने भाई-बहनों से मिलने की अनुमति दें।' काफी प्रयासों के बाद वर्ष 2013 में वांग ची को चीनी पासपोर्ट (नंबर G54188589) जारी हुआ। इसी आधार पर इस युद्धबंदी ने वापस अपनी भारतीय पत्नी और बच्चों के पास लौटने की शर्त पर अपने वतन जाने की अनुमति मांगी थी।

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वांग ची के अनुसार वह चीन अपने परिजनों से मिलने जाने के लिए वर्ष 1974 से प्रयासरत है। लेकिन अब तक दोनों देशों की सरकारों ने उसकी मांग पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई। वर्ष 2009 में चीन से आए उनके भतीजे ने दिल्ली में मुलाकात की। इसके बाद उसने वांग ची के वतन वापसी के प्रयास शुरू हुए। जिसके चलते वर्ष 2013 में उसका पासपोर्ट बना। लेकिन उसे चीन जाने की अनुमति नहीं मिल पाई। वांग ची के अनुसार वे चार भाई और दो बहनें हैं। उनका इंतजार करते-करते मां का निधन हो गया। वांग ची कहते हैं मैं अपनी मां का सबसे लाडला बेटा था।

बालाघाट के तिरोड़ी मुख्यालय में ही वर्ष 1974 में ग्रामीणों ने आपसी सहमति से मोहिते परिवार की कन्या से उसका विवाह करा दिया। इन दोनों से चार संतानें दो बेटे व दो बेटी हुई। जिसमें एक पुत्र का निधन हो गया। मौजूदा समय में उसकी तीन संतानें है, जिसमें सबसे बड़ी बेटी अनिता, बेटा विष्णु और बेटी आपा शामिल है।

वांग ची के अनुसार उसका जन्म चीन में वर्ष 1939 को हुआ था। वह 21 वर्ष की आयु में वर्ष 1960 को सेना में भर्ती हुआ था। वर्ष 1962 को चीन-भारत युद्ध में शामिल हुआ। वहीं एक जनवरी 1963 को भारत देश में असम छावनी में गिरफ्तार किया गया।

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