नई दिल्ली: एक उपभोक्ता फोरम ने यहां वर्ष 2000 में कथित चिकित्सकीय लापरवाही के लिए एम्स के नेत्र विज्ञान विभाग के खिलाफ दायर शिकायत खारिज कर दी। इस शिकायत में आरोप लगाया गया था कि एम्स ने एक नाबालिग लड़के की गलत आंख का ऑपरेशन कर दिया जिससे वह दृष्टिहीन हो गया।
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फोरम ने अपना फैसला करने में एक विशेषज्ञ राय रिपोर्ट पर भरोसा किया जिसमें कहा गया कि अस्पताल की कोई गलती नहीं है। दक्षिण दिल्ली उपभोक्ता विवाद निपटारा फोरम ने कहा कि मेडिकल विशेषज्ञों की राय को देखते हुए अस्पताल लापरवाही के लिए दोषी नहीं है।
फोरम ने बच्चे के पिता का अनुरोध ठुकराते हुए कहा कि मेडिकल राय रिपोर्ट को देखते हुए हम फैसला सुनाते हैं कि शिकायतकर्ता का इलाज करते हुए अस्पताल ने कोई चिकित्सकीय लापरवाही नहीं की।
लड़के के पिता ने शिकायत दर्ज कराते हुए केन्द्र द्वारा लापरवाही का आरोप लगाया था और बच्चे की दृष्टि के नुकसान के लिए तीन लाख रूपये, मेडिकल एवं आवागमन खर्च के लिए 50 हजार रूपये और मानसिक प्रताडना के लिए 50 हजार रूपये का मुआवजा मांगा था।