Thursday, April 18, 2024
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बच्चे को बचाने की गुहार लगाती रही मां, डॉक्टर ने कहा वैसे भी नहीं बचता

मध्य प्रदेश के हरदा से एक दिल दहलाने वाली खबर सामने आई है। जिला अस्पताल में एक मां डॉक्टरों से अपने बच्चे को बचाने के लिए गुहार लगाती रही, लेकिन किसी ने उसकी एक न सुनी और बच्चे की मौत हो गई। घटना शुक्रवार शाम की है।

IndiaTV Hindi Desk IndiaTV Hindi Desk
Published on: January 15, 2017 14:08 IST
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हरदा: मध्य प्रदेश के हरदा से एक दिल दहलाने वाली खबर सामने आई है। जिला अस्पताल में एक मां डॉक्टरों से अपने बच्चे को बचाने के लिए गुहार लगाती रही, लेकिन किसी ने उसकी एक न सुनी और बच्चे की मौत हो गई। घटना शुक्रवार शाम की है।

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खबरों के मुताबिक, तीन माह के बच्चे को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। अस्पताल में उसको ऑक्सिजन लगाया गया, लेकिन सिलिंडर थोड़ी देर में ही खाली हो गया। बच्चे की सांस उखड़ती देखकर मां ने डॉक्टरों को इसकी सूचना दी, लेकिन अस्पताल में दूसरा ऑक्सिजन सिलिंडर था ही नहीं। बच्चे की मां करीब पौने घंटे तक डॉक्टरों से अपने बच्चे को बचाने के लिए गुहार लगाती रही, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ और मां के सामने ही बच्चे की सांसें थम गईं।

हॉस्पिटल में डॉक्टर ही नहीं थे मौजूद

बताया जा रहा है कि मनीषा नाम की महिला का 3 महीने का बेटा केशव करीब एक हफ्ते से बीमार था। उसका इंदौर के एक नीजि अस्पताल में इलाज चल रहा था। उसकी तबीयत कुछ ठीक होने पर मनीषा और उनके पति आशीष सोनी बच्चे को लेकर गुरुवार को वापस हरदा आ गए। लेकिन कफ के कारण बच्चे की हालत फिर बिगड़ गई और उसे शुक्रवार सुबह जिला अस्पताल में भर्ती किया गया। बताया जा रहा है कि जिस समय मां अपने बच्चे के लिए परेशान थी उस समय ड्यूटी डॉक्टर कपिल पटेल हॉस्पिटल में मौजूद ही नहीं थे। 

अस्पताल में सिर्फ एक खाली सिलिंडर था
जिला अस्पताल के आईसीयू में ऑक्सीजन भेजने के लिए नर्स रूम में ही फिलिंग पॉइंट है, और इसमें सिलिंडर लगाने के लिए 4 नॉब्स हैं। नियम के मुताबिक, फिलिंग पॉइंट पर हर वक्त कम से कम 3 भरे सिलिंडर होने चाहिए, ताकि सिलिंडर खत्म होने पर इमर्जेंसी की हालत में दूसरा सिलिंडर इस्तेमाल किया जा सके। लेकिन अस्पताल में सिर्फ एक सिलिंडर था और वह भी थोड़ी देर बाद खाली हो गया।

बवाल बढ़ने के बाद भरे गए सिलिंडर
बच्चे की मौत के खबर के बाद हॉस्पिटल मैनेजमेंट खुद के बचाव में जुट गया। सिविल सर्जन ने पहले सिलिंडर खाली होने की बात से ही इनकार किया, लेकिन जब मीडिया के लोग पहुंचे तो मैनेजमेंट ने आनन-फानन में दो भरे हुए सिलिंडर मंगवाए।

सिविल सर्जन ने कहा, बच्चा तो वैसे भी नहीं बच पाता
सिविल सर्जन डॉक्टर श्रीकांत सेंगर ने कहा कि बच्चे के दिल में छेद था, और यदि ऑक्सिजन चालू भी रहती तो भी उसका बचना मुश्किल था। उन्होंने कहा कि ऐसे केस में 15-20 मिनट के लिए ऑक्सिजन बंद भी हो जाए तो ज्यादा असर नहीं पड़ता। हालांकि उन्होंने कहा कि सिलिंडर खाली होने की वह जांच करवाएंगे।

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