मुंबई: ठाणे पुलिस की अपराध शाखा के दल जब कॉल सेंटर घोटाले की जांच के तहत फर्जी कॉल सेंटरों पर छापे मार रहे थे तब इस मामले का मुख्य षड्यंत्रकारी सागर उर्फ शैगी ठक्कर पांच अक्टूबर को सुबह सवेरे देश छोड़ कर भाग गया।
अपराध शाखा के दलों ने ठाणे जिले से लगने वाली मीरा रोड पर सात कॉल सेंटरों पर छापा मारा। यह घोटाला करोड़ों रूपये का है जिसमें अमेरिकी नागरिकों को अमेरिकी कर विभाग के अधिकारी बन कर ठगा गया।
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पुलिस ने चार और पांच अक्टूबर की रात को छापे मारे तथा इन कॉल सेंटरों के करीब 70 निदेशक एवं प्रमुख लोगों को गिरफ्तार किया गया एवं 700 कर्मियों को हिरासत में लिया गया। गिरफ्तार निदेशकों से पूछताछ में पुलिस को सागर उर्फ शैगी के नाम का पता चला। बहरहाल, पुलिस उसे पकड़ पाती, उससे पहले ही पांच अक्तूबर को शैगी देश छोड़ कर जा चुका था।
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने शैगी के भागने के दो दिन बाद, सात अक्तूबर को उसके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया। आशंका है कि वह दुबई भागा है। जांच शुरू होते ही एक मुख्य आरोपी और शैगी की बड़ी बहन रीमा दिल्ली से आठ अक्तूबर को देश छोड़ कर भाग गई। अब पुलिस आव्रजन अधिकारियों से यह पता करना चाह रही है कि दोनों मुख्य आरोपी देश से कैसे भागे।
पुलिस को संदेह है कि शैगी और उसकी बहन के निजी खातों में अमेरिकी नागरिकों से धोखाधड़ी कर एकत्र की गई बड़ी राशि है। सूत्रों ने बताया कि विलासितापूर्ण जीवन शैली वाले शैगी के पास करीब एक दर्जन बाउंसर हैं। वह मुंबई में देर रात तक पार्टियों में हिस्सा लेता है और महंगी कारों का शौकीन है।
जांचकर्ताओं के अनुसार, शैगी 16 साल की उम्र से जगदीश कनानी के पास काम करता है। जगदीश कनानी विदेश में कॉल सेंटरों में काम करता था।