Saturday, April 20, 2024
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#Budget2017: 3 लाख रुपये की आय टैक्स फ्री, 3 लाख से ज्यादा कैश लेनदेन पर रोक

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में अपना चौथा बजट पेश करते हुए इनकम टैक्स में छूट की सीमा 2.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने का ऐलान किया है। 3 लाख रुपये सालाना आमदनी वाले लोगों को कोई टैक्स नहीं देना होगा।

IndiaTV Hindi Desk IndiaTV Hindi Desk
Updated on: February 01, 2017 18:57 IST
Income tax- India TV Hindi
Income tax

नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में अपना चौथा बजट पेश करते हुए 2.5 लाख से 5 लाख रुपये के बीच की आय वाले व्यक्तियों के लिए इनकम टैक्स की मौजूदा दर को 10 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है। इस तरह 5 लाख रुपये से कम आय वाले की टैक्स घटकर शून्य (छूट सहित) हो जाएगी और 5 लाख सालाना आय पर कर देनदारी 50 प्रतिशत रह जाएगी। वहीं सरकार ने तीन लाख रुपये से अधिक के नकद लेनदेन पर रोक लगाने का फैसला किया है।

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जेटली ने आम बजट 2017-18 पेश करते हुए कहा कि इनकम टैक्स का वर्तमान बोझ मुख्यत: ईमानदार करदाताओं और वेतनभोगी कर्मचारियों पर है, जो अपनी आय को सही रूप में दर्शाते हैं। इसलिए नोटबंदी के बाद इस वर्ग के लोगों की यह उम्मीद जायज है कि उन पर से कर का बोझ कम किया जाएगा। मंत्री ने यह भी कहा कि यदि निम्न आय स्लैब के लिए टैक्स की दर को सामान्य रखा जाता है, तो बड़ी संख्या में लोग कर दायरे में आएंगे। उन्होंने भारत के सभी नागरिकों से यह अपील की कि यदि उनकी आय 2.5 लाख रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक के सबसे निचले स्लैब के अंतर्गत आती है तो वे 5 प्रतिशत कर की छोटी सी अदायगी करते हुए राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनें।

अरुण जेटली ने कहा कि सरकार कर के दायरे में ऐसे लोगों को भी लाने का प्रयास कर रही है, जो करों की चोरी कर रहे हैं। इसलिए कर दायरे को बढ़ाने के लिए व्यावसायिक आय से इतर 5 लाख रुपये तक की कर योग्य आय वाले करदाताओं के लिए आयकर रिटर्न के रूप में भरे जाने के लिए सिर्फ एक पेज का फॉर्म पेश करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त इस श्रेणी के किसी भी व्यक्ति, जो प्रथम बार आयकर रिटर्न भरता है, को प्रथम वर्ष में तब तक किसी भी जांच का सामना नहीं करना पड़ेगा, जब तक कि उसके उच्च मूल्य वाले लेन-देन के बारे में विभाग के पास विशिष्ट सूचना उपलब्ध न हो।

अपने बजट भाषण में मंत्री ने यह भी कहा कि लाभ की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए लाभार्थियों के इस समूह को उपलब्ध छूट के मौजूदा लाभ को घटाकर 2500 रुपये किया जा रहा है, जो 3.5 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले करदाताओं के लिए ही उपलब्ध है। इन दोनों उपायों का संयुक्त प्रभाव यह होगा कि प्रतिवर्ष 3 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों के लिए कर देनदारी शून्य होगी और 3 लाख रुपये से लेकर 3.5 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों के लिए कर देनदारी मात्र 2500 रुपये होगी। 

खास बातें

  • इनकम टैक्स में छूट की सीमा 2.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने का ऐलान ।
  • 3 लाख रुपये सालाना आमदनी वाले लोगों को कोई टैक्स नहीं देना होगा।
  • वहीं वित्त मंत्री ने 3 लाख से 5 लाख तक की आमदनी वालों के टैक्स में कमी कर दी है। 
  • 2.5 लाख से 5 लाख की आमदनी के दायरे में आनेवाले लोगों को अब 5 फीसदी टैक्स देना होगा।
  • पहले 5 लाख तक की आमदनी पर 10 फीसदी टैक्स देना पड़ता था।
  • इस आमदनी के दायरे में आनेवाले लोगों को जहां पहले 25 हजार रुपये का टैक्स बनता था वहीं अब उन्हें मात्र 12,500 रुपये टैक्स के तौर पर देने होंगे।
  • वहीं 5 से 10 लाख तक की आय के स्लैब में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। इस इनकम के दायरे में आनेवाले लोगों को पहले की तरह 20 फीसदी टैक्स देना होगा। 
  • सरकार ने तीन लाख रुपये से अधिक के नकद लेनदेन पर रोक लगाने का फैसला किया है।
  • 50,00,000 से एक करोड़ रपये तक की सालाना आय पर 10 प्रतिशत की दर से अधिभार लगाया जाएगा, इससे सरकार को 2,700 करोड़ रपये प्राप्त होंगे। 

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