नई दिल्ली। बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह प्रस्ताव किया है कि 60 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों को 2.5 लाख रुपए तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। मतलब इनकम टैक्स स्लैब में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।
हां, वित्त मंत्री ने सबसे निचले इनकम स्लैब पर लगने वाला इनकम टैक्स 10 फीसदी से घटा कर पांच फीसदी कर दिया है। इसे ऐसे समझें कि अगर आपकी आय 2.5 लाख रुपए से पांच लाख रुपए है तो पहले जहां आपको 10 फीसदी टैक्स देना होता था वहीं अब पांच फीसदी टैक्स लगेगा।
धारा 87ए के कारण तीन लाख रुपए तक की आय पर नहीं देना होगा टैक्स
- धारा 87ए के तहत मिलने वाली छूट जो पांच लाख रुपए तक की सालाना आय वाले लोगों को 5,000 रुपए तक मिला करती थी, उसे घटा कर 2,500 रुपए कर दिया गया है।
- अब अगर इनकम टैक्स की टैक्स रेट और धारा 87ए को जोड़ कर देखें तो जिन लोगों की आय तीन लाख रुपए हैं उन्हें कोई टैक्स नहीं देना होगा।
- जो लोग तीन लाख रुपए से 3.5 लाख रुपए के टैक्स ब्रैकेट में आते हैं उन्हें 2,500 रुपए टैक्स देना होगा।
- अगर आपकी कमाई 4.5 लाख रुपए है तो आप अपनी कर देनदारी शून्य कर सकते हैं।
- इसके लिए आपको धारा 80सी के तहत उपलब्ध निवेश विकल्पों में निवेश करना होगा।
उच्च कर वर्ग में आने वालों को इतना देना होगा टैक्स
- दिलचस्प बात यह है कि जिन लोगों की कमाई ज्यादा है वह भी 2.5 से पांच लाख रुपए तक की आय पर 5 फीसदी टैक्स का लाभ उठा सकेंगे।
- जिनकी आय 50 लाख से एक करोड़ रुपए है उन्हें कुल देनदारी पर 10 फीसदी सरचार्ज भी देना होगा।
- अभी तक इस श्रेणी पर सरचार्ज नहीं लगता था।
- सिर्फ एक करोड़ रुपए से अधिक आय वाले लोगों को ही 15 फीसदी का सरचार्ज देने की जरूरत होती थी जो अब भी जारी रहेगी।