Tuesday, March 19, 2024
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नौ बैंक यूनियन आज हड़ताल पर, करोड़ों का कामकाज होगा प्रभावित

चेन्नई: नौ बैंकों के कर्मचारी संगठनों ने सरकार के बैंकिंग प्रणाली में सुधार के कदम को जनविरोधी करार देते हुए विरोध में मंगलवार को हड़ताल का आह्वान किया है। बैंककर्मियों की मांग है कि नोटबंदी

IANS IANS
Published on: February 28, 2017 7:11 IST
Bank Strike- India TV Hindi
Bank Strike

चेन्नई: नौ बैंकों के कर्मचारी संगठनों ने सरकार के बैंकिंग प्रणाली में सुधार के कदम को जनविरोधी करार देते हुए विरोध में मंगलवार को हड़ताल का आह्वान किया है। बैंककर्मियों की मांग है कि नोटबंदी के कारण कराए गए अतिरिक्त काम का मुआवजा दिया जाए और कर्ज नहीं चुकानेवाले बड़े कर्जदारों पर कार्रवाई की जाए।

युनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) के बैनर तले जो नौ यूनियन एकजुट हैं, उनके नाम हैं- एआईबीईए, एआईबीओसी, एनसीबीई, एआईबीओए, बीईएफआई, आईएनबीएफएफ, आईएनबीओसी, एनओबीडब्लयू और एनओबीओ।

ऑल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) के महासचिव सी. एच. वेंकटचलम ने आईएएनएस को बताया, "भारतीय बैंकिंग उद्योग को असली खतरा डूबे हुए बड़े कर्ज और जानबूझकर कर्ज नहीं चुकानेवालों से है। बुरे कर्जो के लिए जबावदेही तय करना तथा जानबूझकर कर्ज नहीं चुकानेवाले कर्जदारों तथा उन्हें कर्ज मुहैया करानेवाले बैंक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करना समय की जरूरत है, ना कि बैड बैंक का गठन करना।"

आर्थिक सर्वेक्षण 2016-17 में 'बैड बैंक' की स्थापना का सुझाव दिया गया था, ताकि बैंकों के फंसे हुए कर्जो (जिसे गैर निष्पादित परिसंपत्तियां कहा जाता है) से निपटा जा सके।

इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार एक संपत्ति पुर्नवास एजेंसी का गठन करें, जो फंसे हुए कर्जो को बैंकों से खरीद कर उसका बोझ उठाए, ताकि बैंकों के कर्ज का बोझ कम करने का कठिन राजनीतिक फैसला लिया जा सके।

वेंकटचलम के अनुसार यह एक सरकारी संस्था के फंसे हुए कर्जो को दूसरी सरकारी संस्था का गठन कर उसके सिर मढ़ने के अलावा कुछ नहीं है।

एआईबीईए ने कहा, "यूनियन दो दशकों से भी लंबे समय से सरकार के जनविरोधी और श्रम शक्ति विरोधी नीतियों के खिलाफ लड़ रही है।"

इसमें कहा गया, "इसके अलावा बैंकिंग उद्योग की स्थायी नौकरियों को आउटसोर्स करने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, जो जोखिम से भरा है।"

उन्होंने कहा कि हड़ताल में 10 लाख से ज्यादा बैंककर्मी जिसमें अधिकारी से लेकर क्लर्क तक हैं, शामिल होंगे।

वेंकटचलम ने कहा कि हड़ताल का आह्वान यूनियनों द्वारा उठाए गए मांगों के समाधान खोजने के किए गए सारे प्रयासों के विफल हो जाने के बाद किया गया है।

मुख्य श्रम आयुक्त के समक्ष 21 फरवरी को बैंक प्रबंधन निकाय - इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) के साथ सुलह बैठक में यूनियन की मांग पर कोई फैसला नहीं हो पाया था।

अधिकांश सरकारी बैंकों ने ग्राहकों को सूचित किया है कि हड़ताल के कारण उनकी शाखाओं और कार्यालयों में सेवाएं बाधित रहेंगी।

वहीं, शीर्ष निजी बैंक- आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक - यूनियन में शामिल नहीं है। इसलिए इन बैंकों की शाखाओं/कार्यालयों पर कामकाज सामान्य रूप से जारी रहेगा, हालांकि चेक के क्लियरेंस में रुकावट आ सकती है।

इसके अलावा, नकद लेनदेन भी बाधित रहेगा और संभावना है कि एटीएम सुबह जल्दी ही खाली हो जाएंगे।

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