Saturday, April 27, 2024
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चीन सीमा पर आवाजाही के लिए रोड नेटवर्क दुरुस्त करने में जुटी सेना

सेना ने 73 दिन तक चले डोकलाम गतिरोध की पृष्ठभूमि में चीन से लगी सीमा पर सड़क ढांचे को दुरस्त करने का फैसला किया है और अपने कोर इंजीनियरों को पूरे जोरशोर के साथ इस कार्य को करने का जिम्मा सौंपा है ताकि सैनिकों की तीव्र आवाजाही सुनिश्चित हो सके।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 23, 2017 18:00 IST
Indian army- India TV Hindi
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नयी दिल्ली: सेना ने 73 दिन तक चले डोकलाम गतिरोध की पृष्ठभूमि में चीन से लगी सीमा पर सड़क ढांचे को दुरस्त करने का फैसला किया है और अपने कोर इंजीनियरों को पूरे जोरशोर के साथ इस कार्य को करने का जिम्मा सौंपा है ताकि सैनिकों की तीव्र आवाजाही सुनिश्चित हो सके। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कोर ऑफ इंजीनियर्स (सीओई) ने इस उद्देश्य के लिए पहले ही कई कदम उठाने शुरू कर दिये है। पहाड़ काटने और सड़क बिछाने की विभिन्न मशीनों के नये संस्करणों और उपकरणों के लिए आर्डर दिये गये है। इसके अलावा सैनिकों की तीव्र आवाजाही के लिए असाल्ट ट्रैक्स की खरीद की जा रही है। 

सूत्रों ने बताया कि सेना मुख्यालय ने बारूदी सुरंग का पता लगाने की कोर इंजीनियरों की क्षमता बढ़ाने के लिए एक हजार से अधिक दोहरे ट्रैक माइन डिटेक्टरों के आर्डर दिये हैं। भारत और चीन चार हजार किलोमीटर लम्बी सीमा साझा करते हैं। 237 पुरानी सीओई महत्वपूर्ण इंजीनियरिंग मदद उपलब्ध कराती है। यह सैनिकों तथा तोपों की तीव्र आवाजाही के लिए महत्वपूर्ण सीमाई इलाकों में सम्पर्क सुलभ कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। 

सूत्रों ने बताया कि संवेदनशील सीमाओं पर आधारभूत ढ़ांचे को बढ़ाना सरकार की सशस्त्र सेनाओं की लड़ाकू तैयारियों को प्रोत्साहित करने की समग्र रणनीति का एक हिस्सा है। सेना डोकलाम गतिरोध के बाद चीन-भारत सीमा पर आधारभूत संरचना पर ध्यान केन्द्रित कर रही है। उल्लेखनीय है कि चीनी सेना द्वारा विवादित क्षेत्र में सड़क निर्माण को भारतीय सैनिकों के रोकने के बाद 16 जून से डोकलाम में 73 दिनों तक भारत और चीन के सैनिकों के बीच गतिरोध बना रहा। यह गतिरोध 28 अगस्त को समाप्त हुआ था। 

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