Friday, April 26, 2024
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वित्त मंत्री जेटली को भरोसा, वैधानिकता के पैमाने पर खरा उतरेगा आधार

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज भरोसा जताते हुए कहा कि आधार कानून वैधानिकता के पैमाने पर खरा उतरेगा। उन्होंने कहा कि इसमें आंकड़ों की सुरक्षा के पर्याप्त उपाय निहित हैं।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: September 13, 2017 17:50 IST
Arun Jaitley- India TV Hindi
Arun Jaitley

नयी दिल्ली: वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज भरोसा जताते हुए कहा कि आधार कानून वैधानिकता के पैमाने पर खरा उतरेगा। उन्होंने कहा कि इसमें आंकड़ों की सुरक्षा के पर्याप्त उपाय निहित हैं। जेटली ने वित्तीय समावेशन पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए यह बात कही। जेटली की यह टिप्पणी ऐसे समय में आयी है जबकि आधार को सरकारी योजनाओं तथा पैन कार्ड से अनिवार्य रूप से जोड़ने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी है। इस मामले की अगली सुनवाई नवंबर में होगी। 

आधार के बारे में जेटली ने कहा कि यह संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार के समय एक उभरता हुआ विचार भर था। इसे विधायी मजबूती नहीं मिली थी। भारतीय जनता पार्टी की सरकार में इसे कानूनी संरक्षण मिला है और निजता एवं आंकड़ों की सुरक्षा सुनिश्चित की गयी है। उन्होंने कहा, 'आंकड़ों की गोपनीयता पर बहस तथा इनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक कानून की आवश्यकता थी। आधार विधेयक पारित हो चुका है और मुझो यकीन है कि यह वैधानिकता के पैमाने पर खरा उतरेगा।'

पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट की नौ सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार करार दिया था। कोर्ट ने कहा था कि यह धारा 21 के तहत जीने के अधिकार और निजी स्वतंत्रता का अभिन्न हिस्सा है। जेटली ने आगे कहा कि शीर्ष अदालत ने अपने हालिया फैसले में निजता के अधिकार को महत्वपूर्ण संवैधानिक गारंटी बताते हुए विचारणीय प्रतिबंधों की बात की थी। वित्तीय समावेशन के बारे में वित्तमंत्री ने कहा कि पिछले तीन साल में जन धन योजना के तहत 30 करोड़ परिवारों के बैंक खाते खोले गये हैं। 

इस योजना से पहले करीब 42 प्रतिशत परिवार ऐसे थे, जो बैंक सेवा से जुड़े हुए नहीं थे। उन्होंने कहा कि जन धन योजना बैंक खाते खोलने की देश की सबसे बड़ी मुहिम है। इसका लक्ष्य सभी व्यावसायिक बैंकों में शून्य जमा अधिशेष पर खाते खोलकर प्रत्येक परिवार को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ना था। जेटली ने कहा कि शून्य जमा अधिशेष वाले बैंक खातों का अनुपात 77 प्रतिशत से कम होकर 20 प्रतिशत रह गया है। 

प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण सुविधा का विस्तार होने से ये बैंक खाते भी परिचालन में आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि योजना की शुरुआत के तीन महीने बाद सितंबर 2014 में 76.81 प्रतिशत खातों में जमा राशि शून्य थी। अब इस तरह के खाते कम होकर 20 प्रतिशत रह गये हैं। उन्होंने जन धन योजना को श्रेय देते हुए कहा कि अब 99.99 प्रतिशत परिवारों के पास कम से कम एक बैंक खाता हैं। 

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