Friday, March 29, 2024
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कश्मीर में इस वर्ष नियंत्रण रेखा से हमले के 23 प्रयास विफल किये गए: BSF

श्रीनगर: सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) ने कहा कि उसने कश्मीर घाटी में नियंत्रण रेखा पर इस वर्ष 23 हमले विफल किये जिसमें पाकिस्तान के बीएटी के दो हमले शामिल हैं और बल किसी भी अप्रिय घटना

Bhasha Bhasha
Updated on: December 01, 2016 18:54 IST
BSF- India TV Hindi
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श्रीनगर: सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) ने कहा कि उसने कश्मीर घाटी में नियंत्रण रेखा पर इस वर्ष 23 हमले विफल किये जिसमें पाकिस्तान के बीएटी के दो हमले शामिल हैं और बल किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए तैयार है। बीएसएफ के कश्मीर फ्रंटियर के महानिरीक्षक विकास चंद्र ने यहां संवाददाताओं से कहा, बीएसएफ ने इस वर्ष कश्मीर में नियंत्रण रेखा से अपनी चौकियों और कर्मियों पर आतंकवादियों तथा पाकिस्तानी सैनिकों के 23 हमलों का सामना किया और उन्हें विफल किया। :बीएसएफ: जवानों ने अच्छा काम किया है, वे अपना काम अत्यंत समर्पण से कर रहे हैं।

चंद्र ने कहा, उन्होंने :बीएसएफ जवानों ने: नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ के कई प्रयास विफल किये हैं और इसके साथ ही उन्होंने बीएटी :बार्डर एक्शन टीम ऑफ पाकिस्तान: के दो प्रयास भी विफल किये हैं। एक कार्रवाई में हमारे तीन जवान शहीद हुए हैं लेकिन उन्होंने प्रयास को विफल कर दिया, एक आतंकवादी को मार गिराया और हथियार बरामद किये। बीएसएफ के फ्रंटियर प्रमुख ने कहा कि नगरोटा में आतंकवादी हमले के मद्देनजर बीएसएफ के विभिन्न प्रतिष्ठानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। उन्होंने कहा, सुरक्षा व्यवस्था की गई है। हम इस मुश्किल समय में किसी भी घटना से निपटने के लिए 24 घंटे अलर्ट पर हैं।

चंद्र ने कहा कि अद्र्धसैनिक बल सेना के साथ मिलकर संघर्षविराम उल्लंघन का उचित ढंग से जवाब दे रहा है। उन्होंने कहा, संघर्षविराम उल्लंघन की घटनाएं हो रही हैं और हम उनका उचित ढंग से जवाब दे रहे हैं। नियंत्रण रेखा से 2016 के दौरान संघर्षविराम का 32 बार उल्लंघन हुआ । हमने इस दौरान अपने कुछ जवान खोये हैं एवं कुछ अन्य घायल भी हुए हैं लेकिन यह जीवन, ड्यूटी का हिस्सा है।

यह पूछे जाने पर कि क्या संघर्षविराम उल्लंघन ऐसे ही हैं या घुसपैठ के लिए कवर हैं, बीएसएफ अधिकारी चंद्र ने कहा, हम कह सकते हैं कि यह दोनों है। उन्होंने कहा, वे घुसपैठ के प्रयास भी हैं और हमने ऐसे कई प्रयास विफल भी किये हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान द्वारा नियंत्रण रेखा पर हमला और सैनिकों के शव को क्षत विक्षत करना बीएटी का कृत्य था, चंद्र ने कहा कि आमतौर पर बीएटी ऐसे कृत्यों को अंजाम देता है।

चंद्र ने कहा कि कश्मीर घाटी में बीएसएफ की 14 बटालियनें तैनात हैं। उन्होंने कहा, निंयत्रण रेखा पर और आंतरिक इलाकों में कुल मिलाकर 14 हजार से अधिक जवान तैनात हैं। हम सेना के साथ काम कर रहे हैं, नियंत्रण रेखा की रक्षा कर रहे हैं। गत एक वर्ष में नियंत्रण रेखा की रक्षा करते हुए तथा आंतरिक इलाके में काम करते हुए बीएसएफ के नौ अधिकारियों ने अपने जीवन का बलिदान दिया है तथा 18 अन्य घायल हुए हैं।

यह पूछे जाने पर कि भारत द्वारा लक्षित हमले किए जाने के बाद क्या आतंकवादी हमलों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, बीएसएफ अधिकारी ने कहा, मैं यह नहीं कहूंगा कि यह एक बढ़ोतरी है। यह एक रणनीति है जिसका इस्तेमाल वे पहले भी करते रहे हैं। नियंत्रण रेखा पर हमे सावधान रहना होता है और हम सतर्क हैं। ऐसा नहीं है कि वे प्रयास नहीं करते हैं, वे करते रहे हैं लेकिन हमने नियंत्रण रेखा के इस ओर उन्हें विफल किया है।

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