तिनसुकिया (असम): असम-अरुणाचल सीमा पर जयरामपुर के निकट रविवार को सुरक्षाकर्मियों के एक काफिले पर आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में असम राइफल्स के 2 जवान शहीद हो गए और दो अन्य घायल हो गए। हालांकि, सुरक्षा बलों ने तत्काल इलाके में जवाबी कार्रवाई अभियान की शुरुआत कर घात में शामिल दो आतंकवादियों को मार डाला।
(देश-विदेश की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें)
पुलिस के अनुसार, हमलावर पूर्वोत्तर के अधिकांश आतंकी संगठनों के संयुक्त मंच युनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ वेस्ट ईस्टर्न साउथ ईस्ट एशिया (यूएनएलएफडब्ल्यू), युनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के वार्ता विरोधी गुट और खापलांग के नेतृत्व वाले नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (एनएससीएन-के) और कोआर्डिनेशन कमेटी (कोरकोम) ऑफ मणिपुर से संबद्ध थे।
असम के पुलिस महानिदेशक मुकेश सहाय ने कहा कि सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों के खिलाफ अभियान शुरू किया है। डीजीपी ने कहा, "हमले में शामिल दो आतंकवादियों को बाद में मार दिया गया। बलों ने उनके पास से दो हथियार बरामद किए हैं।"
तिनसुकिया पुलिस अधीक्षक मुग्धाज्योति महंत ने कहा कि 15-20 आतंकवादियों ने घात लगाकर हमला किया। गैर सरकारी सूत्रों ने कहा कि हमले के बाद आतंकवादी असम राइफल्स के कुछ हथियार और गोला बारूद लेकर भाग गए। उल्फा और एनएससीएन-के ने गत साल नवम्बर में तिनसुकिया जिले में सेना के एक काफिले पर घात लगा कर हमला किया था, जिसमें तीन जवान शहीद हो गए थे।
घटना के बाद सुरक्षा बलों ने जगुन-जयरामपुर मार्ग पर वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित कर दिया और चौकसी बढ़ा दी। असम-अरुणाचल प्रदेश सीमा और असम-नागालैंड सीमा के बीच अंतर-राज्य सीमा पर निगरानी कड़ी कर दी गई है। इस बीच, कोरकोम और उल्फा ने एक संयुक्त बयान में हमले की जिम्मेदारी ली है। इसमें कहा गया है कि उन्होंने 'ऑपरेशन बराक' नाम से सुरक्षा बलों पर संयुक्त हमला किया।