नई दिल्ली: दिल्ली में जल्द ही बस स्टॉप पर यात्रियों के बसों के इंतजार का समय कम हो सकता है क्योंकि आज से राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर 100 नयी बसें चलने लगीं। ये बसें :क्लस्टर बसें: राष्ट्रीय राजधानी के नौ रूट पर चलेंगी।
(देश-विदेश की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें)
दिल्ली के परिवहन मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि क्लस्टर बेड़े में जल्द ही 450 वातानुकूलित और 250 गैर वातानुकूलित बसों को शामिल किया जायेगा। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और जैन ने नई बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। जीपीएसयुक्त इन बसों में यात्रियों को ई-टिकट मशीन के जरिये टिकट दी जायेगी।
दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मॉडल ट्रांजिट सिस्टम (डीआईएमटीएस) क्लस्टर बसों का संचालन करता है। डीआईएमटीएस दिल्ली सरकार एवं आईडीएफसी फाउंडेशन (एक गैर लाभकारी संगठन) की संयुक्त उपक्रम कंपनी है। डीआईएमटीएस का गठन दिल्ली में जटिल परिवहन से संबद्ध परियोजनाओं की तैयारी, योजना, डिजाइन और उन्हें लागू करने के उद्देश्य से किया गया है।
क्लस्टर योजना के तहत निजी कंपनियां बसें खरीदेंगी और उन्हें चलायेंगी लेकिन ये वाहन डीआईएमटीएस द्वारा संचालित होंगी जो उन्हें प्रति किलोमीटर की दर से भुगतान करेगा। क्लस्टर बसों के नए बेड़े को हरी झंडी दिखाकर रवाना करते हुए सिसोदिया ने संवाददाताओं से कहा, दिल्ली सरकार सड़कों पर और अधिक बसें चाहती है ताकि जिन लोगों के पास कार और बसें हैं वे सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल कर सकें।
क्लस्टर बेड़े में 100 नई बसों के शामिल होने से इसमें मजबूती आयी है और अब इनमें बसों की संख्या बढ़कर 1,725 हो गयी है जबकि दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) में करीब 4,000 बसें हैं। जैन ने कहा कि डीटीसी को मिलाकर फिलहाल दिल्ली में करीब 6,000 बसें हैं लेकिन राष्ट्रीय राजधानी में यात्रियों की सुविधा के लिये अब भी 10,000 बसों की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि सरकार की योजना है कि डीटीसी बस डिपो को बहुस्तरीय इमारतों में विकसित किया जाये। तीन डिपो - नरेला, बवाना और ईस्ट विनोद नगर को बहुस्तरीय डिपो के तौर पर विकसित किया जा रहा है।
जैन ने कहा, और अधिक बसों की आवश्यकता को देखते हुए सात नई बस डिपो को विकसित किया जा रहा है.. इस साल के अंत तक 3,000 नई बसों को सड़कों पर उतारा जायेगा। कार्यक्रम में जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार ऑनलाइन परीक्षा के जरिये छात्रों को लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस देने के लिये शिक्षण संस्थानों को अधिकृत करने पर विचार कर रही है।