Wednesday, April 24, 2024
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कानपुर T20: क़िस्मत पर भरोसा कर कोहली ने लगाया दांव मगर...

India TV Sports Desk India TV Sports Desk
Updated on: January 27, 2017 9:27 IST
  • जिस तरह से क़िस्मत विराट कोहली का पिछले चुछ समय से साथ दे रही है उसे देखकर कोई भी कप्तान किसी भी तरह का दांव लगाने के लिए तैयार हो जाएगा। कानपुर में खेले गए तीन मैचों की टी20 सिरीज़ के पहले मुक़ाबले में भी कोहली ने एक ऐसा दांव लगाया जो फ़्लॉप हो गया और भारत को हार का मुंह देखना पड़ा। भारत पहले खेलते हुए 20 ओवर में सिर्फ 147/7 रन ही बना पाया और इंग्लैंड ने भारत को सात विकेट से हरा दिया।। विराट की कप्तानी में खेला गया ये पहला टी-20 मैच था। ये भी अजीब इत्तफ़ाक है कि इससे पहले उनकी कप्तानी में खेले गए पहले वनडे और पहले टेस्ट मैच में भी टीम इंडिया हारी थी। कोहली ने टॉस हारने के बाद ख़ुद पारी की शुरुआत करने का फ़ैसला किया जो सही साबित नही हुआ। वैसे कोहली इसके पहले भी टी20 मैच में ओपनिंग कर चुके हैं।

बहरहाल, हम आपको बताने जा रहे हैं वो 5 कारण जिसकी वजह से टीम इंडिया हारी।
    जिस तरह से क़िस्मत विराट कोहली का पिछले चुछ समय से साथ दे रही है उसे देखकर कोई भी कप्तान किसी भी तरह का दांव लगाने के लिए तैयार हो जाएगा। कानपुर में खेले गए तीन मैचों की टी20 सिरीज़ के पहले मुक़ाबले में भी कोहली ने एक ऐसा दांव लगाया जो फ़्लॉप हो गया और भारत को हार का मुंह देखना पड़ा। भारत पहले खेलते हुए 20 ओवर में सिर्फ 147/7 रन ही बना पाया और इंग्लैंड ने भारत को सात विकेट से हरा दिया।। विराट की कप्तानी में खेला गया ये पहला टी-20 मैच था। ये भी अजीब इत्तफ़ाक है कि इससे पहले उनकी कप्तानी में खेले गए पहले वनडे और पहले टेस्ट मैच में भी टीम इंडिया हारी थी। कोहली ने टॉस हारने के बाद ख़ुद पारी की शुरुआत करने का फ़ैसला किया जो सही साबित नही हुआ। वैसे कोहली इसके पहले भी टी20 मैच में ओपनिंग कर चुके हैं। बहरहाल, हम आपको बताने जा रहे हैं वो 5 कारण जिसकी वजह से टीम इंडिया हारी।
  • फेल रही ओपनिंग-
टी-20 मैच में बहुत ज़रुरी होता है कि टीम को ऐसी शुरुआत मिले कि आने वाले बल्लेबाज़ खुलकर हाथ दिखा सकें। लेकिन कानपुर में कोहली और लोकेश की जोड़ी ठोस बुनियाद रखने में नाकाम रही। ग़ौर करने वाली बात ये है कि पिच बल्लेबाज़ी के लिए एकदम फिट थी और बॉल बल्ले पर आ रही थी। लोकेश का खराब फॉर्म इस मैच में भी जारी रहा और वे 9 बॉल पर केवल 8 रन बनाकर आउट हो गए। 4.3 ओवर में 34 रन के स्कोर पर ये भारत के लिए पहला झटका था। राहुल पिछले चार मैचों में ओपनिंग करते हुए वे कुल 32 रन ही बना सके हैं। अब सारी उम्मीदें ज़बरदस्त फ़ॉर्म में चल रहे कप्तान विराट कोहली से थी लेकिन उन्होंने भी निराश किया और केवल 29 रन पर चलते बने।
    फेल रही ओपनिंग- टी-20 मैच में बहुत ज़रुरी होता है कि टीम को ऐसी शुरुआत मिले कि आने वाले बल्लेबाज़ खुलकर हाथ दिखा सकें। लेकिन कानपुर में कोहली और लोकेश की जोड़ी ठोस बुनियाद रखने में नाकाम रही। ग़ौर करने वाली बात ये है कि पिच बल्लेबाज़ी के लिए एकदम फिट थी और बॉल बल्ले पर आ रही थी। लोकेश का खराब फॉर्म इस मैच में भी जारी रहा और वे 9 बॉल पर केवल 8 रन बनाकर आउट हो गए। 4.3 ओवर में 34 रन के स्कोर पर ये भारत के लिए पहला झटका था। राहुल पिछले चार मैचों में ओपनिंग करते हुए वे कुल 32 रन ही बना सके हैं। अब सारी उम्मीदें ज़बरदस्त फ़ॉर्म में चल रहे कप्तान विराट कोहली से थी लेकिन उन्होंने भी निराश किया और केवल 29 रन पर चलते बने।
  • ताश के पत्ते की तरह ढह गया मध्यक्रम-
काग़ज़ पर भारत का मिडिलऑर्डर बहुत मज़बूत नज़र आता है। यहां धोनी, युवराज और सुरेश रैना जैसे जहां अनुभवी बल्लेबाज़ हैं वही मनीष पांडे और हार्दिक पंड्या जैसे उभरते प्रतिभावान बल्लेबाज़ भी हैं लेकिन फिर भी मिडिलऑर्डर बुरी तरह फ्लॉप हो गया। सुरेश रैना और धोनी को छोड़ बाकी चार बैट्समैन पूरी तरह फेल हो गए। युवराज 12, मनीष पांडे 3, हार्दिक पंड्या 9 और परवेज़ रसूल 5 ने मिलकर केवल 29 रन ही बनाए। आख़िरी दस ओवरों में मध्यक्रम के बल्लेबाज़ केवल 72 रन ही बना सके। इसके अलावा भारत की ओर से आखिरी 10 ओवरों में केवल 4 चौके और 1 छक्का ही लगा।
    ताश के पत्ते की तरह ढह गया मध्यक्रम- काग़ज़ पर भारत का मिडिलऑर्डर बहुत मज़बूत नज़र आता है। यहां धोनी, युवराज और सुरेश रैना जैसे जहां अनुभवी बल्लेबाज़ हैं वही मनीष पांडे और हार्दिक पंड्या जैसे उभरते प्रतिभावान बल्लेबाज़ भी हैं लेकिन फिर भी मिडिलऑर्डर बुरी तरह फ्लॉप हो गया। सुरेश रैना और धोनी को छोड़ बाकी चार बैट्समैन पूरी तरह फेल हो गए। युवराज 12, मनीष पांडे 3, हार्दिक पंड्या 9 और परवेज़ रसूल 5 ने मिलकर केवल 29 रन ही बनाए। आख़िरी दस ओवरों में मध्यक्रम के बल्लेबाज़ केवल 72 रन ही बना सके। इसके अलावा भारत की ओर से आखिरी 10 ओवरों में केवल 4 चौके और 1 छक्का ही लगा।
  • इंग्लैंड की थी बिजली की तरह फील्डिंग-
इस मैच में इंग्लैंड की फील्डिंग देखने लायक थी। उन्होंने कई मौकों पर शानदार फील्डिंग से चौक्कों को दो या तीन रन में तब्दील कर दिया। इसके अलावा युवराज सिंह और विराट कोहली का कैच भी ग़ज़ब तरीके से लपका। आदिल राशिद ने प्लंकेट की बॉल पर युवराज को जो कैच लपका वह हैरतअंगेज़ था।
    इंग्लैंड की थी बिजली की तरह फील्डिंग- इस मैच में इंग्लैंड की फील्डिंग देखने लायक थी। उन्होंने कई मौकों पर शानदार फील्डिंग से चौक्कों को दो या तीन रन में तब्दील कर दिया। इसके अलावा युवराज सिंह और विराट कोहली का कैच भी ग़ज़ब तरीके से लपका। आदिल राशिद ने प्लंकेट की बॉल पर युवराज को जो कैच लपका वह हैरतअंगेज़ था।
  • बुमराह हुए गुमराह-
जसप्रीत बुमराह खेल के इस प्रारुप में कमाल के बॉलर हैं लेकिन इस मैच में लगा कि बुमराह गुमराह हो गए। इंग्लैंड की पारी में दूसरा ओवर जसप्रीत बुमराह ने डाला। कप्तान कोहली को उम्मीद थी कि बुमराह इंग्लिश बल्लेबाज़ों पर नकेल कस देंगे और फिर वह अंडर प्रेशर आकर विके गवां देंगे लेकिन ऐसा कुछ हुआ नही। बुमराह फ़रागदिली दिखाते हुए अपने इस ओवर में 20 रन ठुकवा दिए। सैम बिलिंग्स 3 बार तो सीमा रेखा पर लगी रस्सी छुई और एक बार आसमान छुआ यानी ती चौके और एक छक्का। ज़ाहिर इस ओवर में छक्के के साथ ही अंग्रेज़ों का आत्मविश्वास भी सांतवे आसमान पर पहुंच गया।
    बुमराह हुए गुमराह- जसप्रीत बुमराह खेल के इस प्रारुप में कमाल के बॉलर हैं लेकिन इस मैच में लगा कि बुमराह गुमराह हो गए। इंग्लैंड की पारी में दूसरा ओवर जसप्रीत बुमराह ने डाला। कप्तान कोहली को उम्मीद थी कि बुमराह इंग्लिश बल्लेबाज़ों पर नकेल कस देंगे और फिर वह अंडर प्रेशर आकर विके गवां देंगे लेकिन ऐसा कुछ हुआ नही। बुमराह फ़रागदिली दिखाते हुए अपने इस ओवर में 20 रन ठुकवा दिए। सैम बिलिंग्स 3 बार तो सीमा रेखा पर लगी रस्सी छुई और एक बार आसमान छुआ यानी ती चौके और एक छक्का। ज़ाहिर इस ओवर में छक्के के साथ ही अंग्रेज़ों का आत्मविश्वास भी सांतवे आसमान पर पहुंच गया।
  • आशीष नेहरा वीरु को किया निराश-
आशीष नेहरा इस टीम के सीनियर सिटीज़न हैं यानी सबसे वरिष्ठ खिलाड़ी। उनके पास अनुभव का समंदर है। कभी उनके साथी रहे भारत के पूर्व पार्व तूफानी ओपनर वीरेंद्र सहवाग नेहरा की बॉलिंग के मुरीद रहे हैं और एक बार उन्होंने ट्वीट किया था-''रोमांटिक फ़िल्मों में ओमप्रकाश मेहरा जी का और बॉलिंग में नेहरा जी का जवाब नही लेकिन नेहरा जी न तो किफ़ायती बॉलिंग कर सके और न ही विकेट निकाल सके। नेहरा ने 3 ओवर डाले जिसमें उन्होंने 31 रन लुटा दिए यानी 10.33 रन प्रति ओवर।
    आशीष नेहरा वीरु को किया निराश- आशीष नेहरा इस टीम के सीनियर सिटीज़न हैं यानी सबसे वरिष्ठ खिलाड़ी। उनके पास अनुभव का समंदर है। कभी उनके साथी रहे भारत के पूर्व पार्व तूफानी ओपनर वीरेंद्र सहवाग नेहरा की बॉलिंग के मुरीद रहे हैं और एक बार उन्होंने ट्वीट किया था-''रोमांटिक फ़िल्मों में ओमप्रकाश मेहरा जी का और बॉलिंग में नेहरा जी का जवाब नही लेकिन नेहरा जी न तो किफ़ायती बॉलिंग कर सके और न ही विकेट निकाल सके। नेहरा ने 3 ओवर डाले जिसमें उन्होंने 31 रन लुटा दिए यानी 10.33 रन प्रति ओवर।