Friday, March 29, 2024
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खतरनाक सापों से नहीं डरते इस देश के लोग, हर साल मनाते हैं 'स्नेक फेस्टिवल'

IndiaTV Hindi Desk IndiaTV Hindi Desk
Updated on: June 14, 2017 18:13 IST
  • इसमें कोई दो राय नहीं है कि सांप का नाम सुनते ही लोगो को डर लगने लगता है, डर लगना भी लाज़मी है। परन्तु एक ऐसा देश है जहां 'स्नेक फेस्टिवल' बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है। वो देश है- इटली।
    इसमें कोई दो राय नहीं है कि सांप का नाम सुनते ही लोगो को डर लगने लगता है, डर लगना भी लाज़मी है। परन्तु एक ऐसा देश है जहां 'स्नेक फेस्टिवल' बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है। वो देश है- इटली।
  • इटली के कोक्युलो शहर में हर साल मई के महीने में 'स्नेक फेस्टिवल' मनाया जाता है। जिसमें शहर के सारे लोग बढ़ चढ़ कर भाग लेते है और जुलूस निकालते है।
    इटली के कोक्युलो शहर में हर साल मई के महीने में 'स्नेक फेस्टिवल' मनाया जाता है। जिसमें शहर के सारे लोग बढ़ चढ़ कर भाग लेते है और जुलूस निकालते है।
  • 'स्नेक फेस्टिवल' सेंट डॉमिनिको की याद में मनाया जाता है।
    'स्नेक फेस्टिवल' सेंट डॉमिनिको की याद में मनाया जाता है।
  • जब किसी व्यक्ति को सांप काट लेता था तो सेंट डॉमिनिको उस सांप का ज़हर निकाल कर उसे जीवित रखने का दावा करते थे।
    जब किसी व्यक्ति को सांप काट लेता था तो सेंट डॉमिनिको उस सांप का ज़हर निकाल कर उसे जीवित रखने का दावा करते थे।
  • कोक्युलो शहर के लोग आज भी सेंट डॉमिनिको को याद रखते है कयोंकि उन्होने सांप का ज़हर निकाल कर लाखों लोगो की जान बचाई थी।
    कोक्युलो शहर के लोग आज भी सेंट डॉमिनिको को याद रखते है कयोंकि उन्होने सांप का ज़हर निकाल कर लाखों लोगो की जान बचाई थी।
  • यह फेस्टिवल करीब 2 घंटे तक चलता है, इसमें सेंट डॉमिनिको की बड़ी मूर्ति होती है जो लगभग 100 सांपो से ढकी होती है।
    यह फेस्टिवल करीब 2 घंटे तक चलता है, इसमें सेंट डॉमिनिको की बड़ी मूर्ति होती है जो लगभग 100 सांपो से ढकी होती है।
  • यह सांप ज़हरीले नही होते, फेस्टिवल से पहले ही इन सांपो का ज़हर निकाल दिया जाता है। दो महीने पहले से ही स्थानीय सपेरे इन सांपो को इकट्ठा करना शुरू कर देते है।
    यह सांप ज़हरीले नही होते, फेस्टिवल से पहले ही इन सांपो का ज़हर निकाल दिया जाता है। दो महीने पहले से ही स्थानीय सपेरे इन सांपो को इकट्ठा करना शुरू कर देते है।
  • इस फेस्टिवल में  महिलाओं व पूजारियों द्वारा पूजा की जाती है तथा फेस्टिवल के बाद लोग एक-दूसरे को एक खास तरह की मिठाई भी बांटते है जिसे कियम्बेली कहा जाता है।
    इस फेस्टिवल में महिलाओं व पूजारियों द्वारा पूजा की जाती है तथा फेस्टिवल के बाद लोग एक-दूसरे को एक खास तरह की मिठाई भी बांटते है जिसे कियम्बेली कहा जाता है।