Friday, April 26, 2024
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तुर्की में एक बार नहीं बल्कि कईं बार हो चुके हैं सैन्य तख्तापलट

India TV News Desk India TV News Desk
Updated on: July 16, 2016 11:48 IST
  •  तुर्की अधिकारियों ने आज बताया कि सरकार ने राजधानी अंकारा में रात भर हुए विस्फोटों, हवाई संघर्ष एवं गोलीबारी के बाद सैन्य तख्तापलट की कोशिश को नाकाम कर दिया है। सरकारी मीडिया के अनुसार तख्तापलट की कोशिश में कम से कम 17 लोग मारे गए हैं।
    तुर्की अधिकारियों ने आज बताया कि सरकार ने राजधानी अंकारा में रात भर हुए विस्फोटों, हवाई संघर्ष एवं गोलीबारी के बाद सैन्य तख्तापलट की कोशिश को नाकाम कर दिया है। सरकारी मीडिया के अनुसार तख्तापलट की कोशिश में कम से कम 17 लोग मारे गए हैं।
  • अबतक 336 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। युल्दरम ने सेना से कहा है कि वो तख़्तापलट करने वाले गिरोह के जरिए इस्तेमाल किए जानेवाले विमानों को मार गिराएं।
    अबतक 336 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। युल्दरम ने सेना से कहा है कि वो तख़्तापलट करने वाले गिरोह के जरिए इस्तेमाल किए जानेवाले विमानों को मार गिराएं।
  • तुर्की में सैन्य तख्तापलट की कोशिशें पहले भी की जा चुकी है। 2002 में एर्दोगान जब देश के प्रधानमंत्री थे तब भी सेना के कई अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था।
    तुर्की में सैन्य तख्तापलट की कोशिशें पहले भी की जा चुकी है। 2002 में एर्दोगान जब देश के प्रधानमंत्री थे तब भी सेना के कई अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था।
  • सन् 1960 में 27 मई को भी तख्तापलट हुआ था। उस समय सत्ताधारी दल ने सख्त कानूनों से धार्मिक गतिविधियों को खुली इजाजत दी थी। साथ ही  सभी मस्जिदों को खोला गया और अरबी में प्रार्थना को इजाजत दी गई।
    सन् 1960 में 27 मई को भी तख्तापलट हुआ था। उस समय सत्ताधारी दल ने सख्त कानूनों से धार्मिक गतिविधियों को खुली इजाजत दी थी। साथ ही सभी मस्जिदों को खोला गया और अरबी में प्रार्थना को इजाजत दी गई।
  • 12 मार्च 1971 में मिलिटरी जनरल ममदुल तगमाक ने प्रधानमंत्री को सीधे निर्देश देना आरंभ कर दिया। प्रधानमंत्री को सेना ने अल्टीमेटम दे दिया था।
    12 मार्च 1971 में मिलिटरी जनरल ममदुल तगमाक ने प्रधानमंत्री को सीधे निर्देश देना आरंभ कर दिया। प्रधानमंत्री को सेना ने अल्टीमेटम दे दिया था।
  • 12 सितंबर 1980 में भी सेना ने सरकार का सारा काम अपने हाथों में ले लिया था। 1979 के अंत तक सेना ने सरकार का तख्तापलट करने का निर्णय लिया। लेकिन बाद में इस निर्णय को टाल दिया गया।
    12 सितंबर 1980 में भी सेना ने सरकार का सारा काम अपने हाथों में ले लिया था। 1979 के अंत तक सेना ने सरकार का तख्तापलट करने का निर्णय लिया। लेकिन बाद में इस निर्णय को टाल दिया गया।
  • 27 फरवरी 1997 में सेना ने सत्ता अपने हाथ में ले ली। इस समय सुलेमान दिमिरल राष्ट्रपति थे जिन्हें 1971 के तख्तापलट के दौरान हटाया गया था। सेना के जनरल इस्माइल हक्कल करादेल ने सरकार के प्रमुख नेकमेट्टिन एर्बाकन को कुछ निर्देश दिए। इसमें कई धार्मिक स्कूलों को बंद करने, यूनिवर्सिटी में सिर पर टोपी पहनने पर रोक लगाने के लिए कहा। जिसके बाद प्रधानमंत्री ने अपना इस्तीफा दे दिया था।
    27 फरवरी 1997 में सेना ने सत्ता अपने हाथ में ले ली। इस समय सुलेमान दिमिरल राष्ट्रपति थे जिन्हें 1971 के तख्तापलट के दौरान हटाया गया था। सेना के जनरल इस्माइल हक्कल करादेल ने सरकार के प्रमुख नेकमेट्टिन एर्बाकन को कुछ निर्देश दिए। इसमें कई धार्मिक स्कूलों को बंद करने, यूनिवर्सिटी में सिर पर टोपी पहनने पर रोक लगाने के लिए कहा। जिसके बाद प्रधानमंत्री ने अपना इस्तीफा दे दिया था।