Saturday, April 20, 2024
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fun2sh
  • दिल गया रौनक-ए-हयात गई। गम गया सारी कायनात गई।।

  • ऐ सबा, लौट के किस शहर से तू आती है? तेरी हर लहर से बारूद की बू आती है।

  • लेकिन मुझे पैदा किया उस देस में तूने। जिस देस के बन्दे हैं गुलामी पे रजामंद।।

  • नहीं आती तो याद उनकी महीनों भर नहीं आती। मगर जब याद आते हैं तो अक्सर याद आते हैं।।

  • आपकी याद आती रही रात-भर चांदनी दिल दुखाती रही रात-भर गाह जलती हुई, गाह बुझती हुई शम-ए-गम झिलमिला

  • तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीन नहीं। कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यकीन नहीं।

  • अगर खुदा न करे सच ये ख्वाब हो जाए। तेरी सहर हो मेरा आफताब हो जाए।।

  • मुहब्बत में करे क्या कुछ किसी से हो नहीं सकता। मेरा मरना भी तो मेरी खुशी से हो नही सकता।।

  • तेरे इश्क की इन्तहा चाहता हूं। मेरी सादगी देख क्या चाहता हूं।।

  • इतना तो ज़िंदगी में किसी की ख़लल पड़े हंसने से हो सुकून न रोने से कल पड़े जिस तरह हंस रहा हूं मै

  • देखिये क्या गुल खिलाती है बहार अब के बरस ख़्वाब में देखा है "फ़ानी" ने क़फ़स(पिंजरा) का दर खुला

  • सीढिया उन्हे मुबारक हो….. जिन्हे छत तक जाना है….. मेरी मन्जिल तो आसमान है.. रास्ता मुझे खुद बनाना

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