मुंबई: हर तरह की भूमिका में आसानी से ढल जाने वाले नेशनल अवॉर्ड विनिंग ऐक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने कहा है कि भारतीय फिल्म निर्माताओं को यथार्थवादी फिल्मों के महत्व को रेखांकित करना चाहिए। इसके बिना भारतीय फिल्मों को विश्व स्तर पर पहचान मिल पाना मुश्किल है।
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अपनी हाल में रिलीज हुई 'हरामखोर' में उन्होंने टीचर श्याम की भूमिका निभाई है, जो अपनी छात्रा से प्यार करने लगता है। यह भूमिका श्वेता त्रिपाठी ने निभाई है। सिनेमा के बारे में नवाजुद्दीन ने कहा, ‘हमें रियलिस्टिक फिल्में बनानी होंगी, नहीं तो विश्व सिनेमा हमें गंभीरता से नहीं लेगा। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हमारी फिल्मों को डांस, ड्रामा और संगीत के लिए जाना जाता है। वैश्विक दर्शक इसे हल्के से लेते हैं। पेड़ के आसपास डांस करते हुए हीरो-हीरोइन कब तक देखते रहेंगे? ’ 'हरामखोर' का विषय अन्य फिल्म निर्माताओं द्वारा छुआ तक नहीं गया है।
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नेगेटिव रोल्स के बारे में नवाजुद्दीन ने कहा, ‘किसी को नेगेटिव रोल नहीं कहा जा सकता। नकारात्मकता और सकारात्मकता हम सभी में मौजूद है। इसके अलावा, अगर आप 'रमन राघव 2.0' के बारे में बात कर रहे हैं, तो यह वास्तविक किरदार है। इसलिए हमें स्वीकार करना और समझना चाहिए कि इस तरह के लोग हमारे समाज में हैं।’