नई दिल्ली: 'हम तुम्हें चाहते हैं ऐसे', 'जब कोई बात बिगड़ जाए', 'रोते हुए आते हैं सब', जैसे खूबसूरत गीतों में नजर आए बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता विनोद खन्ना अब हम सबकी आंखों को नम कर दुनिया से छोड़ गए हैं। शायद ही ऐसा कोई हो, जो उन्हें न जानता हो। वह सभी के दिलों पर राज कर चुके हैं। अपने अलग अंदाज और दबंग आवाज के लिए पहचाने जाने वाले विनोद खन्ना का जन्म 6 अक्टूबर,1946 को पाकिस्तान के पेशावर में हुआ था। वर्ष 1947 में देश बंटवारे के बाद उनका परिवार मुंबई आकर बस गया। उनके माता-पिता का नाम कमला और किशनचंद खन्ना था। उनका जन्म एक व्यापारी परिवार में हुआ था। उन्होंने मुंबई में सेंट मैरी स्कूल, दिल्ली में सेंट जेवियर्स हाईस्कूल और दिल्ली के ही पब्लिक स्कूल में पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने नासिक के बार्नेस स्कूल में अपनी पढ़ाई पूरी की।
विनोद खन्ना की दो शादियां हुईं, पहली शादी 1971 में गीतांजलि से हुई थी। गीतांजलि से दो बेटे राहुल खन्ना और अक्षय खन्ना हैं। ओशो के अनुनायी बनने के बाद परिवार से दूरी बन गई और उनकी पहली शादी टूट गई, फिर उन्होंने 1990 में कविता से शादी की, दूसरी शादी से उनके एक बेटा साक्षी और एक बेटी श्रद्धा हैं। उन्होंने अपने फिल्मी सफर की शुरुआत वर्ष 1968 में आई फिल्म 'मन का मीत' से की थी, जिसमें वह नकारात्मक भूमिका में दिखे थे। कई फिल्मों में उल्लेखनीय सहायक और खलनायक का किरदार निभाने के बाद 1971 में उनकी पहली एकल हीरो वाली फिल्म 'हम तुम और वो आई'। विनोद खन्ना का अंतिम संस्कार वर्ली में, बड़ी तादाद में जुटे लोग
करियर की ऊंचाइयों पर पहुंचने के बाद विनोद खन्ना ने अचानक 1982 में फिल्मों से संन्यास ले लिया और भगवान रजनीश के अनुनायी बन गए और 5 वर्ष तक पुणे में रहे। उन्होंने 1987 में बॉलीवुड में वापसी की और इसके बाद वह राजनीति में शामिल हुए। उन्होंने अपनी दूसरी फिल्मी पारी भी सफलतापूर्वक खेली और हाल तक फिल्मों में सक्रिय रहे। वह आखिरी बार 2015 में शाहरुख खान की फिल्म 'दिलवाले' में नजर आए थे। विजया राजे सिंधिया पर बनी उनकी आखिरी फिल्म 'एक थी रानी ऐसी भी' छह दिन पहले ही रिलीज हुई है। इस फिल्म में वह हेमा मालिनी के साथ दिखाई दे रहे हैं।
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