नई दिल्ली: केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) से अपनी फिल्म 'मोहल्ला अस्सी' को प्रमाण पत्र मिलने का इंतजार कर रहे अभिनेता-फिल्मकार सनी देओल का कहना है कि सीबीएफसी को केवल फिल्मों को प्रमाणित करने का काम ही करना चाहिए न कि उन्होंने रिलीज होने से रोकने का। सेंसर बोर्ड के साथ इतने विवाद के बाद निर्देशक अभिषेक चौबे को आखिरकार अपनी फिल्म 'उड़ता पंजाब' को शुक्रवार को रिलीज करने की अनुमति मिल ही गई।
चंद्र प्रकाश द्विवेदी द्वारा निर्देशित 'मोहल्ला अस्सी' को फिल्म में बनारस में प्रचलित गालियों के इस्तेमाल के कारण सेंसर बोर्ड द्वारा प्रमाणित नहीं किया गया है।
'उड़ता पंजाब' की रिलीज के बाद 'मोहल्ला अस्सी' के निर्माताओं का भी सीबीएफसी के खिलाफ जाने की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर सनी ने कहा, "इस फिल्म को अब रिलीज करना चाहिए। यह एक दिन जरूर रिलीज होगी। इसमें सेंसर करने जैसा कुछ भी नहीं है। फिल्म को रिलीज होने से नहीं रोका जाना चाहिए।"
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'मोहल्ला अस्सी' के प्रमाणन से जुड़े मुद्दे के बारे में सनी ने कहा, "मुझे लगता है कि फिल्म के बनने के आखिरी दिन सीबीएफसी को हमें सिर्फ प्रमाणपत्र देना चाहिए था न कि इसे रिलीज होने से रोकना चाहिए था। उन्हें सिर्फ यह देखना चाहिए कि फिल्म की कहानी वास्तविक लगती है या नहीं।"
सनी ने कहा कि सेंसरशिप को इंटरनेट और टेलीविजन पर भी लागू किया जाना चाहिए, जिसका लोग गलत इस्तेमाल करते हैं।
पिछली बार 'घायल वन्स अगेन' में नजर आए अभिनेता सनी का कहना है कि वह अपने बेटे की पहली फिल्म पर काम कर रहे हैं।