नई दिल्ली: ‘पल दो पल का साथ हमारा’, ‘कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना’, ‘मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा है’, ‘तेरे बिना जिंदगी से कोई शिकवा...तो नहीं’, ‘दम मारो दम’, ‘रैना बीत जाए’ और ‘चांद मेरा दिल’ जैसे गानों को अपने संगीत में पिरोने वाले मशहूर संगीतकार पंचम दा एक ऐसे फनकार थे जो अपने मौलिक संगीत और पूर्व और पश्चिम के मिश्रण से संगीत सजाने वाले दिग्गज के रूप में जाने जाते थे। जब वो कुछ मौलिक रचते थे तो धमाल मचाते थे और जब कुछ कॉकटेल (पूर्व और पश्चिमी संगीत का मिश्रण) रचते थे तो भी धमाल मच जाता था। अगर वो आज जिंदा होते तो 77 बरस के होते। आज हम आपको अपनी खबर के जरिए उनके द्वारा संगीत से सजाए गए उन चुनिंदा गीतों को पेश करने जा रहे हैं जो आज भी अच्छे संगीत की परख रखने वालों के लिए खुशी और सकून ढूंढने का ठिकाना है...तो जरा सुनिए।
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1. मार डालेगा दर्द-ए-जिरग:- वर्ष 1966 में आई फिल्म 'पति पत्नि' का यह गाना आशा भोसले की आवाज में है। आशा ताई इसे एक चुनौतीपूर्ण गाना मानती हैं।
2. चुनरी संभाल गोरी:- 1967 में आई फिल्म 'बहारों के सपने' के इस गाने में बेहतरीन तरीके से पंचम दा ने बेहतरीन तरीके से पश्चिमी धुनों का इस्तेमाल किया है।