Saturday, April 20, 2024
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फिल्मों पर नहीं लगना चाहिए बैन: कोंकणा सेन

अपनी फिल्म 'लिपिस्टिक अंडर माय बुर्का' को सेंसर से सर्टिफिेकेट न मिलने से नाराज हैं अभिनेत्री कोंकणा सेन शर्मा। कोंकणा सेन का कहना है कि सेंसर बोर्ड का काम फिल्मों को सर्टिफिकेट देना है, उन्हें बैन करना नहीं।

India TV Entertainment Desk India TV Entertainment Desk
Updated on: March 19, 2017 14:27 IST
konkana sen- India TV Hindi
Image Source : PTI konkana sen

नई दिल्ली: अभिनेत्री कोंकणा सेन शर्मा उनकी फिल्म 'लिपस्टिक अंडर माय बुर्का' को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) द्वारा प्रमाण-पत्र नहीं दिए जाने से परेशान हैं। उनका मानना है किसी बीएफसी का काम सिर्फ प्रमाण-पत्र देना है, फिल्मों को प्रतिबंधित करना नहीं। कोंकणा ने कहा, "मैं इस तथ्य से तंग आ चुकी हूं कि इस तरह की फिल्मों पर प्रतिबंध लगाया गया है और अन्य प्रकार की फिल्मों पर नहीं। कोई भी फिल्म प्रतिबंधित नहीं होनी चाहिए।"

रत्ना पाठक शाह अभिनीत फिल्म 'लिपस्टिक अंडर माय बुर्का' भारत के एक छोटे शहर में विभिन्न उम्र की चार महिलाओं के निजी जीवन पर आधारित है।

'लिपस्टिक अंडर माय बुर्का' के विषय को महिला-उन्मुख माना गया है, जबकि सेंसर बोर्ड का मानना है कि यह यौन दृश्य फिल्माए गए हैं तथा अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया है।

कोंकणा ने कहा, "मुझे लगता है कि सीबीएफसी को सिर्फ प्रमाण-पत्र देना चाहिए। यह जरूरी है कि हम हर प्रकार की फिल्में देखें और इस तरह की फिल्में देखना जरूरी है, जिसमें महिलाएं खुद से बात करती हों।"

अभिनेत्री ने इस बारे में 'मार्च ऑन वुमेन' के मंच पर कहा।

इस फिल्म ने पिछले साल मुंबई फिल्म महोत्सव में लैंगिक समानता पुरस्कार जीता था और हाल ही में ग्लासगो फिल्म महोत्सव में ऑडियंस अवार्ड भी जीता। पुरस्कृत फिल्म को प्रतिबंधित करने वाले सीबीएफसी अध्यक्ष पहलाज निहलानी की गोविंद निहलानी, श्याम बेनेगल सहित कई निर्देशकों ने आलोचना की है।

 

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