मुंबई: अभिनेत्री इलियाना डिक्रूज को हम बॉलीवुड के साथ दक्षिण भारतीय की भी कई फिल्मों में अभिनय करते हुए देख चुके हैं। उन्होंने न सिर्फ अपने बेहतरीन किरदारों से बल्कि अपनी मासूमियत और खूबसूरत अदाओं से भी दर्शकों को अपनी दीवाना बनाया है। इलियाना का कहना है कि उन्हें नहीं लगता कि भारतीय सिनेमा पर गोरेपन का असर है और वह इससे संचालित होता है। गौरतलब है कि अभिनेत्री पांड्स व्हाइट ब्यूटी (गोरेपन की क्रीम) का प्रचार करती हैं। इलियाना खुद को गोरा न मानकर गेहुंआ रंग की मानती हैं।
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उन्होंने कहा, "मैं खुद को गोरा नहीं मांनती हूं। मुझे लगता है कि मैं गेहुंआ रंग की हूं। मुझे नहीं लगता कि हम गोरेपन से प्रभावित हैं। कुछ अभिनेत्रियां और मॉडल वास्तव में सांवली होते हुए भी खूबसूरत हैं और मैं सच में इस बात पर यकीन करती हूं कि त्वचा की रंगत कोई मायने नहीं रखती है।" अभिनेत्री के मुताबिक, "मुझे लगता है कि स्वस्थ रहना और खुश रहना ही खूबसूरती है, जिसका मैं प्रचार करती हूं।"
फिल्म बर्फी की अभिनेत्री ने पांड्स इंस्टीट्यूट (संस्थान) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान आईएएनएस से यह बात कही। कार्यक्रम में त्वचा की देखभाल से संबंधित बातों पर प्रकाश डाला गया।
ब्रांड के हालिया अविष्कार 'द माय स्किन एडवाइजर' एक वेब एप्लीकेशन का भी अनावरण किया गया। इलियाना ने इसका इस्तेमाल कर दिखाया कि वह कैसे इस तकनीक के इस्तेमाल से खुद अपनी त्वचा की विशेषज्ञ बन जाती हैं।