नई दिल्ली: दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन Google कंपनी के CEO सुंदर पिचाई आज भारत दौरे पर आए हुए हैं। आइए आपको बता दें सुंदर पिचाई ने कैसे कि थी शुरुआत। गूगल से पहले सुंदर क्रोम और एंड्रॉयड के पूर्व अध्यक्ष रह चुके है। सुंदर स्कूल मे पढ़ाई के दौरान अपने हाई स्कूल क्रिकेट टीम के कप्तान रहें है। इनकी कप्तानी में टीम ने तमिलनाडु राज्य का क्षेत्रीय टूर्नामेंट भी जीता था। भारतीय रेलवे से सुंदर पिचई का जुड़ाव कॉलेज के ही वक्त से ही है, जब वो आईआईटी खड़गपुर में पढ़ते थे और छुट्टियों में अपने घर चैन्नई, कोरमंगला एक्सप्रेस से जाया करते थे। पिचाई का ये सफर, उन्हें आईआईटी से अमेरिका की मशहूर स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ले गया, जहां से उन्होंने एमएस की डिग्री ली। पिचाई को साइबल स्कॉलर और पामर स्कॉलर जैसी उपाधियों से भी सम्मानित किया जा चुका है।
2004 में पिचाई ने Google के साथ अपना सफर प्रोडक्ट और इनोवेशन अफसर के तौर पर शुरु किया था। जल्द ही पिचाई फायरफॉक्स, गूगल टूलबार, डेस्कटॉप सर्च, गैजट और गूगल गियर और गैजेट को भी संभालने लगे। गूगल ने 10 साल तक अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने के बाद इस साल अगस्त में उन्हें गूगल का सीईओ बना दिया गया। सुंदर पिचाई ने सितंबर 2008 में वेब ब्राउसर क्रोम को लॉन्च करके एक साल के अंदर इसे वेब बेस्ड क्रोम OS नेटबुक्स और डेस्कटॉप कंप्यूटर्स के लिए लॉन्च कर दिया था। गूगल मैप्स और जीमेल ऐप्स भी पिचाई ने ही लोकप्रिय किए थे।
सुंदर पिचाई 1972 में चेन्नई में पैदा हुए। चेन्नई में ही इनकी शुरुआती पढ़ाई भी हुई और यह दो कमरों के घर में रहते थे। उनके घर में टीवी, फोन, कार कुछ भी नहीं था। और तो और सुंदर के एयर टिकट के लिए भी उनके पिता को कर्ज लेना पड़ा था। साल 2011 में ट्विटर ने पिचाई को जॉब ऑफर की थी लेकिन Google ने 305 करोड़ रुपए देकर उन्हें रोक लिया था। पिचाई साल 2014 तक Google के सबसे शक्तिशाली एग्जीक्यूटिव्स की सूची में शुमार थे।