Thursday, April 25, 2024
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शेयर बाजार में दिखी तेजी, सेंसेक्स और निफ्टी बीते हफ्ते 2% से ज्यादा चढ़े

देश के शेयर बाजारों में पिछले संक्षिप्त सप्ताह में दो फीसदी से अधिक तेजी रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह 2.38 फीसदी यानी 608.7 अंकों की

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Updated on: September 19, 2015 13:42 IST
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बीते हफ्ते 2% से ज्यादा चढ़े सेंसेक्स और निफ्टी

देश के शेयर बाजारों में पिछले संक्षिप्त सप्ताह में दो फीसदी से अधिक तेजी रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह 2.38 फीसदी यानी 608.7 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 26,218.91 पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 2.47 फीसदी यानी 192.6 अंकों की तेजी के साथ 7,981.90 पर बंद हुआ। शेयर बाजार गुरुवार को गणेश चतुर्थी के अवसर पर बंद था।

पिछले सप्ताह सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 23 में तेजी रही। एक्सिस बैंक (7.94 फीसदी), सन फार्मा (7.38 फीसदी), विप्रो (6.23 फीसदी), एनटीपीसी (5.86 फीसदी) और ओएनजीसी (4.91 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे टाटा मोटर्स (4.86 फीसदी), लार्सन एंड टुब्रो (3.89 फीसदी), भेल (2.22 फीसदी), बजाज ऑटो (1.81 फीसदी) और टाटा स्टील (1.74 फीसदी)।


गत सप्ताह मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी करीब एक फीसदी तेजी रही। मिडकैप 1.20 फीसदी या 126.1 अंकों की तेजी के साथ 10,646.06 पर और स्मॉलकैप 0.99 फीसदी या 105.45 अंकों की तेजी के साथ 10,804.06 पर बंद हुआ। सोमवार को 14 सितंबर को जारी आंकड़े के मुताबिक देश की उपभोक्ता महंगाई दर अगस्त में घटकर 3.66 फीसदी रही, जो जुलाई में 3.69 फीसदी थी। सोमवार को ही जारी एक अन्य आंकड़े के मुताबिक थोक महंगाई दर अगस्त में नकारात्मक 4.95 फीसदी रही, जो जुलाई में नकारात्मक 4.05 फीसदी थी। थोक महंगाई दर लगातार दसवें महीने नकारात्मक दायरे में रही है।

शुक्रवार 11 सितंबर को जारी आंकड़े के मुताबिक मौजूदा कारोबारी साल की प्रथम तिमाही में देश का चालू खाता घाटा घटकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 1.2 फीसदी रहा, जो एक साल पहले समान अवधि में 1.6 फीसदी था। वैश्विक स्तर पर अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने दो दिवसीय मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के बाद गुरुवार 17 सितंबर को ब्याज दर को लगभग शून्य फीसदी पर बरकरार रखने की घोषणा की। फेड ने हालांकि इसी साल के आखिर तक दर बढ़ने की संभावना को खुला रखा। फेड की दर बढ़ने से उभरती अर्थव्यवस्था से बड़े पैमाने पर पूंजी के बाहर निकल जाने की उम्मीद थी, क्योंकि दर बढ़ने से अमेरिका में निवेश आकर्षक हो जाएगा।
 

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