Saturday, April 27, 2024
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हो सकते हैं एक नंबर के दो नोट, समझिए करेंसी का नंबर गेम

नई दिल्ली: महात्मा गांधी की छाप वाला नोट तमाम खासियतों को सहेजे होता है। नोटों की सीरीज वाले नंबर में भी एक विशेष क्रम होता है। अभी तक बनने वाले सभी नोटों में छपने वाले

India TV News Desk India TV News Desk
Updated on: July 13, 2015 10:58 IST
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हो सकते हैं एक नंबर के दो नोट, समझिए करेंसी का नंबर गेम

नई दिल्ली: महात्मा गांधी की छाप वाला नोट तमाम खासियतों को सहेजे होता है। नोटों की सीरीज वाले नंबर में भी एक विशेष क्रम होता है। अभी तक बनने वाले सभी नोटों में छपने वाले डिजिट एक ही आकार के होते हैं। लेकिन अगर कल कोई आपको एक ऐसा नोट थमा दे जिसमें सभी डिजिट अलग अलग आकार के हो तो उस नोट को नकली और नोट देने वाले को नक्काल समझने की भूल न करिएगा। RBI ने हालही में नोट में छपने वाले इन डिजिटों में बड़ा बदलाव करने की योजना बनाई है इसके लिए केंद्रीय बैंक ने साल 2005 के सीरीज वाली 100 की गड्डी का एक नोट जारी किया है जिसमें डिजिट का प्रतिरूप नया है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में छपने वाले दो नोट भी एक ही सीरियल नंबर के हो सकते हैं।

आपके मन में कई सवाल उठते होंगे कि नोट के सीरियल नंबर कौन तय करता होगा?, इनकी छपाई कहां होती होगी?  देश में कितने नोटों की छपाई होती है?  कितनी नकदी बाजार में छोड़ी जाती है? कितनी नकदी सालाना बरबाद हो जाती है? और सबसे अहम बात कि इन नोटों पर सीरियल नंबर कैसे तैयार किए जाते हैं?

नोटों पर सीरियल नंबर की छपाई के लिए क्या प्रक्रिया अपनाता है RBI?    

भारतीय रिजर्व बैंक भी अपने नोटों के सीरियल नंबर की छपाई में एक प्रक्रिया का पालन करता है। यह प्रक्रिया हर नोट के लिए अलग अलग होती है।

हर भारतीय नोट के सीरियल नंबर में होती हैं तीन चीजें:

1.       पहले आने वाले तीन अक्षर

2.       सीरियल नंबर

3.       सीरियल नंबर के पीछे धुंधला सा दिखने वाला एल्फाबेट

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