शो- ब्रेकिंग न्यूज़, आपकी अदालत
रजत शर्मा देश के सबसे ज़्यादा देखे जाने वाले न्यूज़ चैनल इंडिया टीवी के चैयरमैन और एडिटर-इन-चीफ़ हैं।
रजत शर्मा की गिनती देश के जानेमाने पत्रकारों में होती है लेकिन उनके लोकप्रिय कार्यक्रम “आप की अदालत” उन्हें एक अलग और विशिष्ट पहचान देता है। कार्यक्रम की लोकप्रियता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ये पिछले 21 बरसों से टीवी दर्शकों के बीच अपनी ताज़गी बरक़रार रखने में कामयाब रहा है। ये भारतीय टेलीविज़न के इतिहास में इतने लंबे अरसे तक सफलतापूर्वक चलने वाला पहला टीवी कार्यक्रम है।
रजत शर्मा की गिनती देश के जानेमाने पत्रकारों में होती है लेकिन उनके लोकप्रिय कार्यक्रम “आप की अदालत” उन्हें एक अलग और विशिष्ट पहचान देता है। कार्यक्रम की लोकप्रियता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ये पिछले 21 बरसों से टीवी दर्शकों के बीच अपनी ताज़गी बरक़रार रखने में कामयाब रहा है। ये भारतीय टेलीविज़न के इतिहास में इतने लंबे अरसे तक सफलतापूर्वक चलने वाला पहला टीवी कार्यक्रम है।
रजत शर्मा 21 साल के सफ़र के दौरान एक हज़ार से ज़्यादा नामी-गिरामी हस्तियों को कठघरे में बैठाकर अपने चिरपरिचित मुस्कान के बीच उनके सामने मुश्किल से मुश्किल सवाल रख चुके हैं। इस कार्यक्रम के लिए उन्हें कई बार सर्वश्रेष्ठ एंकर के पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। इसमें इंडियन टेलीविज़न एकेडमी का लाइफ़टाइम एचिवमेंट अवार्ड भी शामिल है। भारत सरकार ने रजत शर्मा को इस साल पद्म भूषण से सम्मानित भी किया है।
टेलीविज़न की तरफ़ रुख़ करने से पहले रजत शर्मा दस बरस तक प्रिंट मीडिया से भी जुड़े रहे और इस दौरान उन्होंने कई राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं का सफलतापूर्वक संपादन किया। रजत शर्मा का प्रिंट से इलैक्ट्रॉनिक मीडिया तक का सफ़र कई मायने में दिलचस्प है। सफ़र की शुरुआत प्रिंट के एक सफल संपादक के रुप में हुई जो दुनियां के एक मशहूर एंकर के मुकाम तक पहुंच गई। इस सफ़र ने फिर प्रबंधक – उद्यमी और फिर उद्यमी- प्रबंधक की भी शक़्ल ली जिसकी मिसाल शायद भारतीय मीडिया में मिलनी मुश्किल है।
रजत शर्मा ने 1995 में एक निजी चैनल पर पहली बार न्यूज़ बुलेटिन शुरु करके एक तरह से इतिहास रच दिया। इस बुलेटिन की पहुंच एशिया, यूरोप और उत्तरी अफ़्रीका तक थी। इसने भारतीय टेलीविज़न न्यूज़ विधा में निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता की नींव डाली।
रजत शर्मा ने जब इंडिया टीवी की शुरुआत की तब किसी को अंदाज़ा भी न था कि सिर्फ़ चार साल के छोटे से अंतराल में ये देश का नंबर एक न्यूज़ चैनल बन जाएगा। आज रजत शर्मा और इंडिया टीवी देश की आवाज़ माने जाते हैं। पिछले साल प्रमुख हिंदी दैनिक हिंदुस्तान ने एक देशव्यापी सर्वे करवाया जिसमें रजत शर्मा मीडिया इंडस्ट्री के नायक के रुप में उभरे। अपने उद्धरण में हिंदुस्तान के संपादकों ने कहा, “रजत शर्मा ने बाज़ार में अपना स्थान बनाने के लिए टेलीविज़न न्यूज़ की परिभाषा को ही बदल कर रख दिया...इंडिया टीवी को शिखर तक पहुंचाने के लिए वह अनवरत कार्य करते रहे”
रजत शर्मा के नेतृत्व में इंडिया टीवी ने सृजनशीलता, असर, रेटिंग्स, टाइम-स्पेंड और दर्शकों के बीच लोकप्रियता के नए मानदंड कायम किए। इंडिया टीवी की साख और प्रभाव का अंदाज़ा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि इस चैनल पर सबसे पहले दिखाई जाने वाली ख़बरें कभी दूसरे चैनलों पर टॉक शो का विषय बनी, बॉलीवुड फ़िल्मों की आधार कथा बनी और बीबीसी ने इस पर डाक्यूमेंट्री भी बनाई। न सिर्फ़ ‘टाइम’ मैगज़ीन ने इसके बारे में लिखा बल्कि ‘अमूल’ ने अपने होर्डिंग्स में भी इनका इस्तेमाल किया।
चैनल की सफलता महज़ एक इत्तफ़ाक नहीं है। यह नतीजा है रजत शर्मा के अथक परिश्रम का, जो उन्होंने उस सूनी डगर पर अकेले चलकर हासिल किया, जो साख के दरवाज़े पर ख़त्म होती थी। इंडिया टीवी नतीजा है एक ऐसे इंसान की मेहनत का, जिसने अपनी तक़दीर ख़ुद लिखी और जिसकी नज़र में दर्शक का हित सर्वोपरि रहा है।
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