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Hindi News मनोरंजन बॉलीवुड डिंपल कपाडिया नहीं, बल्कि ये अभिनेत्री थीं राजेश खन्ना का पहला प्यार

डिंपल कपाडिया नहीं, बल्कि ये अभिनेत्री थीं राजेश खन्ना का पहला प्यार

राजेश खन्ना का नाम सुनते ही उनके निभाए जबरदस्त किरदार और बेहतरीन गाने हमारी आंखों के सामने घूमने लगते हैं। 18 जुलाई 2012 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। आज बेशक वह हमारे बीच नहीं है लेकिन अपने चाहने वालों के दिलों में वह हमेशा जिंदा....

Rajesh Khanna- India TV Hindi Rajesh Khanna

नई दिल्ली: बॉलीवुड के सुपरस्टार राजेश खन्ना का नाम सुनते ही उनके निभाए जबरदस्त किरदार और बेहतरीन गाने हमारी आंखों के सामने घूमने लगते हैं। 18 जुलाई 2012 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। आज बेशक वह हमारे बीच नहीं है लेकिन अपने चाहने वालों के दिलों में वह हमेशा जिंदा रहेंगे। उनका सबसे अलग अंदाज आज भी याद किया जाता है। काका ने अपने जमाने में कई लड़कियों के दिलों पर कब्जा जमा रखा था, लेकिन डिंपल कपाडिया से शादी के बाद सभी के दिल टूट गए। राजेश खन्ना और डिंपल कपाडिया की लव स्टोरी से तो हर कोई वाकिफ होगा, लेकिन उनकी जिंदगी का एक और अहम पन्ना भी है जिसके बारे में शायद ही कोई जानता होगा। दरअसल डिंपल के साथ शादी होने से पहले उन्हें दिग्गज फैशन डिजाइनर और अभिनेत्री अंजू महेंद्रू से प्यार हुआ था, लेकिन 7 साल तक कायम रहे इस रिश्ते के टूटने के बाद वे 17 साल तक एक-दूसरे के संपर्क में नहीं रहे। इस बीच, राजेश खन्ना ने मार्च, 1973 में डिंपल कपाड़िया से शादी कर ली थी।

फिल्म जगत में 1969 से 1971 के दशक में लगातार 15 हिट फिल्में देने वाले दिवंगत अभिनेता राजेश खन्ना का रिकॉर्ड अब भी बरकरार है। 1966 में रिलीज हुई फिल्म 'आखिरी खत' से बॉलीवुड में कदम रखने वाले अभिनेता ने अपने फिल्मी करियर में 160 फीचर फिल्म और 17 लघु फिल्मों में काम किया। उन्हें तीन बेहतरीन अदाकारी के लिए फिल्मफेयर के सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के पुरस्कार से नवाजा जा चुका था। राजेश खन्ना का जन्म 29 दिसंबर,1942 में अमृतसर में हुआ था। हालांकि, काका को उनके जैविक माता-पिता के रिश्तेदार चुन्नी लाल खन्ना और लीला वती खन्ना ने पाला-पोसा। उनके असली माता-पिता का नाम लाला हीरानंद और चंद्रानी खन्ना था।

सेंट सेबेस्टियन गोवा हाई स्कूल से जीतेंद्र के साथ स्कूल की पढ़ाई खत्म करने के बाद राजेश ने थियेटर का रुख किया। अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों में उन्होंने कई नाटकों में अपने अभिनय के दम पर पुरस्कार भी जीते। राजेश की एक खास बात यह भी थी कि वह उन कम लोगों में से थे, जो 1960 के दशक में अपनी नई एमजी स्पोर्ट कार से थियेटर पहुंचते थे।

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